टाटा स्टील के निदेशक मंडल ने धातु और खनन कारोबार को एक साथ लाने और शेयरधारिता व्यवस्था सरल बनाने के मकसद से 6 सहायक इकाइयों और एक संबंधित कंपनी के विलय को आज मंजूरी दे दी। विलय योजना में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा मेटलिक्स और टीआरएफ जैसी सूचीबद्ध कंपनियां भी शामिल हैं।
टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, टिनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया, टाटा मेटलिक्स, इंडियन स्टील ऐंड वायर प्रोडक्ट्स, टाटा स्टील माइनिंग, एसऐंडटी माइनिंग में टाटा स्टील की ही बहुलांश हिस्सेदारी है। कंपनी के बोर्ड ने एक संबद्ध कंपनी टीआरएफ (34.11 फीसदी हिस्सेदारी) का विलय भी टाटा स्टील में किए जाने को हरी झंडी दे दी है।
टाटा स्टील के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी कौशिक चटर्जी ने कहा, ‘टाटा स्टील के साथ विलय होने वाली कंपनियों का वर्तमान शुद्ध मूल्य 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये से भी अधिक है।’ चटर्जी ने कहा, ‘हमने कारोबार को चार श्रेणियों – लॉन्ग प्रोडक्ट, मार्केटिंग, खनन और बुनियादी ढांचा में संभालने की योजना बनाई है। हम इनका संचालन टाटा स्टील की ही कारोबारी इकाई के तौर पर करेंगे ताकि इन्हें अधिक कुशलता से संभाला जा सके।’ उन्होंने कहा कि टाटा स्टील इन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में सक्षम है।
टाटा स्टील ने बयान में कहा कि प्रस्तावित एकीकरण से टाटा स्टील के नेतृत्व में प्रबंधन कुशलता बढ़ेगी और सभी कारोबारों की दक्षता भी बढ़ेगी। साथ ही रणनीतिक तौर पर अधिक पैने तरीके से ध्यान देने में मदद मिलेगी।
बयान में कहा गया, ‘इस कदम से कच्चे माल की सुरक्षा, केंद्रीकृत खरीद, भंडार के समुचित उपयोग, मालवहन खर्च में कमी और बेहतर उपयोगिता को बढ़ावा मिलेगा। विलय के बाद कर्मचारियों की संख्या कम करने और कंपनी का खर्च घटाने का भी अवसर होगा।’
प्रस्तावित विलय का मकसद समूह के होल्डिंग ढांचे को सरल बनाना भी है। 2019 से इस दिशा में काम करते हुए टाटा स्टील ने 116 संबद्ध इकाइयां कम कर दी हैं। टाटा स्टील ने कहा कि निदेशक मंडल ने स्वतंत्र और मूल्यांकन राय के आधार पर विलय प्रस्ताव पर विचार किया तथा कंपनी अधिनियम, 2013 एवं भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) के कायदों का पालन करते हुए इसे मंजूरी दी है।
प्रस्तावित विलय से समूह की कंपनियों के नेतृत्व में भी बदलाव हुआ है। टाटा मेटलिक्स ने स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि कंपनी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने कंपनी से इस्तीफा देने की इच्छा जताई है और वे टाटा स्टील समूह में इसी तरह की जिम्मेदारी निभाएंगे। आलोक कृष्ण 1 नवंबर, 2022 से कंपनी में प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी संभालेंगे।
