वाहन उद्योग की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स ने बताया कि कंपनी जमशेदपुर स्थित व्यावसायिक वाहनों के विनिर्माण संयंत्र को तीन दिन के लिए बंद करने का फैसला किया है।
कंपनी ने मंदी की मार के कारण घट रही मांग के चलते ऐसा करने का निर्णय लिया है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘टाटा मोटर्स 6 नवंबर से 8 नवंबर 2008 तक जमशेदपुर इकाई को बंद कर रही है ताकि संयंत्र में उत्पादित वाहनों की मांग और उत्पादन की बराबरी की जा सके। इससे कंपनी और डीलरों के पास इन्वेंटरी (उत्पादों की सूची) बढ़ने से रोकी जा सके।’
वाहन ऋण में कमी से घरेलू बाजारों में व्यावसायिक वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई है। प्रवक्ता ने कहा, ‘करीब 95 फीसदी व्यावसायिक वाहन ऋण के जरिए खरीदे जाते हैं। हमने उत्पादन दर की घोषणा नहीं की है। अक्टूबर के दौरान उद्योग में ऋण की अनुपलब्धता और ऊंची ब्याज दरों के कारण ग्राहकों को अपनी खरीद टालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘हम बाजार के हालात पर नजर रख रहे हैं।’ अक्टूबर में कंपनी की बिक्री में 29 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। कंपनी ने इस अवधि के दौरान 19,154 वाहनों की बिक्री की जबकि पिछले साल की समान अवधि में कंपनी ने 27,103 वाहन बेचे थे।
इसी दौरान अशोक लीलैंड ने अभी तक अपने विनिर्माण संयंत्र में उत्पाद को बंद करने का कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन कंपनी का कहना है कि वह अगले कुछ महीनों में स्टॉक में कटौती पर विचार कर रही है। कंपनी इस महीने उत्पादन में कटौती करेगी, जो आगे भी कुछ महीनों तक जारी रहने की उम्मीद है।
इसी तरह व्यावसायिक वाहन बनाने वाली देश की चौथी सबसे बड़ी कंपनी आयशर मोटर्स ने कहा है कि वह अपने पीतमपुर वाले संयंत्र को न तो बंद करने वाली है और न ही वहां के काम के घंटों में कटौती करेगी। लेकिन कंपनी का कहना हैकि वह मांग के अनुसार उत्पादन में बदलाव ला सकती है।
कंपनी के प्रवक्ता का कहना है, ‘हमारे संयंत्र की क्षमता 4,000 वाहन प्रति माह है। हमने पिछले महीने के दौरान अपने उत्पादन में कटौती की है। दिवाली के 2 से 3 दिनों के अवकाश के अलावा हमने पीतमपुर में अपने संयंत्र में उत्पादन को एक भी दिन के लिए बंद नहीं किया है।’
व्यावसायिक वाहनों के उद्योग और वह भी मध्यम एवं भारी व्यावसायिक वाहनों की बिक्री में हाल के कुछ महीनों में आर्थिक मंदी का काफी असर पड़ा है, जिसके कारण इन वाहनों की मांग भी कम हो गई है।