टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की इकाई इन्फोपार्क प्रॉपर्टीज लिमिटेड (आईपीएल) ने दो जीरो कूपन बॉन्ड के जरिये 1,900 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी को टाटा समूह का हिस्सा होने के कारण वित्तीय लचीलेपन का फायदा मिल रहा है।
इन्फोपार्क प्रॉपर्टीज लिमिटेड की टीआरआईएल इन्फोपार्क लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी होगी। टीआईएल चेन्नई में 46 लाख वर्ग फुट में विस्तृत परियोजना इंटेलियन पार्क, चेन्नई का परिचालन करती है। केयर रेटिंग्स ने इस गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) को स्थिर परिदृश्य के साथ ए प्लस रेटिंग दी है। बॉन्ड डीलरों ने कहा कि आईपीसी से सृजित नकदी प्रवाह के जरिये करीब 1,900 करोड़ रुपये की के ऋण की अदायगी की जाएगी। एनसीडी पर पुनर्भुगतान जल्द होगा। जीरो कूपन बॉन्ड एक ऋण प्रतिभूति है जिस पर ब्याज का भुगतान नहीं होता है लेकिन उस पर काफी छूट दी जाती है। इससे परिपक्वता पर बॉन्ड के पूर्ण अंकित मूल्य पर भुनाते समय मुनाफे की गुंजाइश होती है।
वित्त वर्ष 2023 के अंत तक टीआईएल और आईपीएल का कुल ऋण बोझ बढ़कर 3,950 करोड़ रुपये के करीब पहुंचने की उम्मीद है। पिछले चार वर्षों के दौरान 90 फीसदी ऑक्यूपेंसी स्तर के अलावा रणनीति स्थिति एवं प्राइम गुणवत्ता से लैस आईपीसी के स्थिर राजस्व प्रोफाइल से रेटिंग को मदद मिल रही है। वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2020 के दौरान आईपीसी ने पूर्ण ऑक्यूपेंसी को बरकरार रखा था जबकि वित्त वर्ष 2022 में वह घटकर 96 फीसदी रह गया। इस प्रकार के दमदार ऑक्यूपेंसी स्तर के कारण पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान 500 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्रोफाइल तैयार हुआ। हालांकि आगे चलकर कंपनी का ऑक्यूपेंसी स्तर घटकर 80 फीसदी के आसपास रह सकता है। उसके करीब 17 फीसदी पट्टायोग्य क्षेत्र हासिल करने वाले तीन किरायेदारों ने अगस्त 2022 तक जगह खाली करने की मंशा जताई है। बहरहाल, राजस्व प्रोफाइल में इस प्रकार की नरमी आने के बावजूद वित्त वर्ष 2023 में आईपीसी राजस्व के मोर्चे पर लगातार आगे बढ़ती रहेगी।
