टाटा समूह सेमीकंडक्टर विनिर्माण के क्षेत्र में उतरने जा रहा है और इसके लिए उसने एक कारोबारी इकाई भी बना ली है। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री की सालाना आम बैठक में आज इसकी जानकारी दी। सेमीकंडक्टर महंगी कारों में इस्तेमाल होता है और इसके विनिर्माण में बहुत निवेश की जरूरत होती है। भारत में इसे बनाने का कोई कारखाना अभी नहीं हैं। लेकिन इसमें सरगर्मी बढ़ रही हैं। वीडियोकॉन के लिए सबसे बड़ी बोली लगाने वाला वेदांत समूह भी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में उतरने की संभावना तलाश रहा है।
चंद्रशेखरन ने कहा कि अभी वैश्विक आपूर्ति शृंखला काफी हद तक चीन पर निर्भर है मगर महामारी के बाद कंपनियां दूसरे देशों से आपूर्ति बढ़ा रही हैं, जिससे तस्वीर बहुत बदल जाएगी। उन्होंने कहा, ‘चीन से आपूर्ति कम किए जाने का फायदा भारत उठा सकता है। टाटा समूह ने उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए इकाई भी गठित की है। घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग सकल घरेलू उत्पाद में 1 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है और इससे लाखों रोजगार सृजित हो सकते हैं।’ वैश्विक स्तर पर सेमीकंडक्टर की किल्लत देखी जा रही है। ऐसे में टाटा समूह इस क्षेत्र में उतरकर टाटा मोटर्स, टाटा पावर और दुनिया भर की कंपनियों को सेमीकंडक्टर की आपूर्ति कर पाएगा।
टाटा मोटर्स ने हाल ही में घोषणा की थी कि ब्रिटेन में सेमीकंडक्टर की भारी किल्लत की वजह से उसकी सहायक इकाई जगुआर लैंडरोवर को आने वाली तिमाही में बड़ा नुकसान होगा। जेएलआर ने पिछले महीने कहा था कि सेमीकंडक्टर की किल्लत और बढ़ सकती है तथा जुलाई-सितंबर तिमाही में उसके वाहनों की बिक्री पहले के अनुमान से तकरीबन आधी रह सकती है।
जेएलआर ने जुलाई में कहा था, ‘आपूर्तिकर्ताओं से मिली जानकारी के अनुसार 30 सितंबर को खत्म होने वाली तिमाही में चिप की कमी पहली तिमाही की तुलना में ज्यादा रह सकती है, जिससे वाहनों की बिक्री अनुमान से 50 फीसदी कम रह सकती है।’ टाटा मोटर्स और जेएलआर की बिक्री लक्ष्य से पीछे रहने की घोषणा के बाद टाटा मोटर्स का शेयर जून के 355 रुपये के उच्च स्तर से घटकर आज 298 रुपये ही रह गया।सेमीकंडक्टर की कमी के कारण जेएलआर का परिचालन नकद प्रवाह दूसरी तिमाही में करीब 1 अरब पाउंड और एबिटा मार्जिन ऋणात्मक रह सकता है। हालांकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में चिप की आपूर्ति में सुधार होने के बाद परिचालन में सुधार आ सकता है।जेएलआर ने चालू वित्त वर्ष में एबिटा मार्जिन कम से कम 4 फीसदी रहने और मुक्त नकद प्रवाह ब्रेक ईवन में आने का अनुमान लगाया था। डिजिटल पहल के बारे में चंद्रा ने कहा कि टाटा डिजिटल रिटेल, यात्रा, वित्तीय सेवा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सहित कई प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने 5जी नेटवर्क उपकरण के क्षेत्र में उतरने की भी घोषणा की है।’
