टाटा समूह, टाटा टेलीसर्विसेज को पटरी पर लाने का विकल्प तलाश रहा है और इसके लिए कंपनी को अपने सुपरऐप के लिए तकनीकी विशेषज्ञता और एंटरप्राइज सॉल्युशंस मुहैया कराने को कह रही है। सुपरऐप अभी निर्माणाधीन है। टाटा सुपरऐप के जरिए टाटा समूह के सभी उत्पाद व सेवाएं एक प्लेटफॉर्म पर आने और सीधे उपभोक्ता को बिक्री की संभावना है। सुपरऐप इस साल दिसंबर तक पेश किए जाने का लक्ष्य है।
टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस जनवरी 2014 से अब तक टाटा टेलीसर्विसेज और टाटा टेली (महाराष्ट्र) लिमिटेड में 46,595 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है, लेकिन इस निवेश पर उसे कोई रिटर्न नहीं मिला है। कंज्यूमर मोबाइल बिजनेस भारती एयरटेल को बेचे जाने के बाद कंपनी के पास एंटरप्राइज बिजनेस रह गया, जिसने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ब्याज, लीज, ह्रास व कर पूर्व 37 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित किया। वित्त वर्ष 2020 में कंपनी ने 1,858 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ दर्ज किया था जबकि कुल नुकसान 13,325 करोड़ रुपये रहा। एक सूत्र ने कहा, टाटा सुपरऐप को देश भर में तकनीकी ढांचे की दरकार होगी और टाटा टेलीसर्विसेज यह सेवा मुहैया कराने में सक्षम होगी। इससे टाटा टेली की किस्मत सुधारने में मदद मिलेगी।
टाटा समूह के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। लेकिन आंतरिक सूत्र बताते हैं कि सुपरऐप उतारने में मदद के लिए टाटा टेली को शामिल करने के मामले में बातचीत अग्रणी चरण में है। सूत्र ने कहा, समूह विमानन टिकट से लेकर होटर रूम तक और ग्रोसरी की बिक्री इस ऐप के जरिए करने पर विचार कर रहा है और टाटा टेली अपने राष्ट्रव्यापी नेटवर्क के जरिए सही तकनीक उपलब्ध करा सकती है और डेटाबेस भी दे सकती है।
टाटा टेली के अभी वायरलेस डेटा, कनेक्टिविटी, मार्केटिंग और वॉयस सर्विसेज के अलावा प्रबंधित सेवाएं व इंटरनेट ऑफ थिंग्स अपने एंटरप्राइज बिजनेस के तहत उपलब्ध करा रही है।
टाटा मोटर्स व इंडियन होटल्स जैसी सूचीबद्ध इकाइयों की वस्तुओं व सेवाएं की बिक्री के अलावा समूह अपनी असूचीबद्ध इकाइयों मसलन सामान्य व जीवन बीमा संयुक्त उद्यम के उत्पादों, डीटीएच सेवा टाटा स्काई के अलावा विस्तारा व एयरएशिया इंडिया के टिकट, टाटा हाउसिंग का रिटल एस्टेट कारोबार, इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल चेन क्रोमा आदि की भी पेशकश करेगा। भारी-भरकम खुदरा व कॉरपोरेट लोन पोर्टफोलियो वाली टाटा कैपिटल भी पेमेंट गेटवे समाधान के साथ इससे जुड़ सकती है। प्रमुख कंपनी टीसीएस के अलावा टाटा समूह अपनी सभी समूह कंपनियों में अवरोध का सामना कर रहा है। सुपरऐप की पेशकश से समूह को सभी कारोबार एक ही छत के नीचे लाने में मदद मिलेगी। सुपरऐप पेश होने के बाद यह रिलायंस जियो ऐप से प्रतिस्पर्धा करेगा, जो पहले ही देश में अच्छी खासी हिस्सेदारी ले चुका है।
