टाटा समूह की कंपनी टाटा केमिकल्स लिमिटेड गुजरात में अपने सोडा एश संयंत्र का विस्तार करने की योजना बना रही है।
इस संयंत्र की क्षमता का विस्तार करने के लिए कंपनी 700-1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इस विस्तार के लिए कंपनी मौजूदा संयंत्र के पास ही लगभग 600 एकड़ जमीन और खरीदने वाली है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया, ‘अधिग्रहण के लिए चुनी गई 600 एकड़ भूमि में से मात्र 24 एकड़ जमीन ही सरकार की तरफ से दी जा रही है। बाकी जमीन निजी है जिसे टाटा बाजार के दामों पर ही खरीद रही है।’
कंपनी अपने सोडा-ऐश और नमक उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने के लिए मौजूदा संयंत्र के पास ही नए संयंत्र लगाने की योजना बना रही है। कुछ समय पहले ही टाटा कैमिकल्स ने मीठापुर स्थित संयंत्र के नवीनीकरण के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये का निवेश किया था। फिलहाल टीसीएल सालाना तौर पर 8.25 लाख टन सोडा एश और 5 लाख टन नमक का उत्पादन करती है। हाल ही में सरकार ने द्वारका तालुका में टाटा द्वारा खरीदी गई जमीन का लेखाजोखा मांगा है।
टीसीएल के पास इस विस्तार के लिए जरूरी सभी बुनियादी सुविधाएं हैं। मसलन कंपनी के पास क्षमता बढ़ाने के लिए कच्चा माल, पानी और 65 मेगावाट का निजी बिजली संयंत्र भी है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनी इस संयंत्र का विस्तार साणंद में शीशा निर्माण संयंत्र को ध्यान में रखकर कर रही है। टाटा साणंद में लगने वाले इस संयंत्र में लगभग 1,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
इस मामले से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस संयंत्र में बनने वाले शीशे का इस्तेमाल टाटा की नैनो कार में किया जाएगा। दरअसल नैनो की बॉडी में 30 फीसदी शीशे का इस्तेमाल होगा। शीशे के निर्माण में सोडा एश का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
सोडा एश बनाने वाली अमेरिकी कंपनी जनरल कैमिकल्स का अधिग्रहण करने के बाद टाटा कैमिकल्स की सोडा एश का उत्पादन करने की कुल क्षमता 55 लाख टन हो गई है। इस अधिग्रहण के बाद टीसीएल दुनिया भर में सोडा एश बनाने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है।
मांग और आपूर्ति में संतुलन बने रहने के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोडा एश के दामों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोडा एश की कीमत 270-300 डॉलर प्रति टन है। यह कीमत पिछले साल की इसी समयावधि के दौरान 10 फीसद कम थी। उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में सोडा एश की कीमत और ज्यादा बढ़ सकती है।