देश की सबसे बड़ी पवनचक्की निर्माता कंपनी सुजलॉन भी बाजार की खस्ता हालत से घबरा गई है।
इसीलिए कंपनी ने अपना राइट्स ऑफर टालने का फैसला कर लिया है। कंपनी ने आरईपावर सिस्टम्स एजी में अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए यह ऑफर लाने का ऐलान महीना भर पहले किया था। साथ ही कंपनी ने आरई पावर के प्रबंधन पर नियंत्रण की योजना भी कुछ समय के लिए टाल दी है।
सुजलॉन का इरादा इस ऑफर के जरिये लगभग 1,800 करोड़ रुपये जुटाने का था। लेकिन दुनिया भर में दरकते बाजारों को देखकर फिलहाल उसने अपनी योजना टाल दी है। भारत में भी इस साल शेयर बाजार में तकरीबन 59 फीसद की गिरावट आई है, जिसने बड़ी-बड़ी कंपनियों की हालत पतली कर दी है।
इससे परेशान सुजलॉन ने कहा, ‘मौजूदा पूंजी बाजार की हालत को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि राइट्स इश्यू को फिलहाल टाल दिया जाए।’सुजलॉन के शेयरों में भी इस साल 88 फीसद की गिरावट आई है। कंपनी के शेयरों में आज मामूली बढ़त जरूर देखी गई, लेकिन इसकी वजह राइट्स इश्यू टालने का ऐलान ही रहा।
कंपनी ने कहा कि इस फैसले से उसकी योजनाओं में कोई रुकावट नहीं आएगी। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज को भेजी विज्ञप्ति में कंपनी ने कहा, ‘राइट्स इश्यू को कंपनी की मूल योजना में इजाफा करने और उसे तेज करने के लिए लाया जा रहा था। इसलिए इसे टालने से भी कंपनी की मूल विस्तार योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’
सुजलॉन के राइट्स इश्यू जर्मनी की प्रमुख कंपनी आरईपावर की उस 22 फीसद हिस्सेदारी को खरीदने के लिए लाए जा रहे थे, जो फिलहाल मार्टिफर एसजीपीएस के पास है। आरईपावर में सुजलॉन की 66 फीसद हिस्सेदारी पहले से ही है। उसके पास 89 फीसद वोटिंग अधिकार हैं, जिसमें मार्टिफर के वोटिंग अधिकार भी शामिल हैं।
सुजलॉन के संस्थापक अरबपति तुलसी तांती का इरादा आरईपावर पर नियंत्रण तथा सत्ता हस्तांतरण के लिए करार करने का था। इसके बाद बहुलांश हिस्सेदारी रखने वाले पक्ष यानी सुजलॉन का आरईपावर के प्रबंध तंत्र पर अधिकार हो जाता। मार्टिफर की हिस्सेदारी खरीदने का सौदा 15 दिसंबर से पहले होना था। सुजलॉन ने पिछले साल मई में मार्टिफर के साथ मिलकर आरईपावर के लिए सफल बोली लगाई थी।
इस होड़ में उन्होंने अरेवा एसए को पछाड़ा था। सुजलॉन ने जून में आरईपावर की 30 फीसद हिस्सेदारी अरेवा एसए से खरीद ली।इस बीच आईडीएफसी प्राइवेट इक्विटी ने सुजलॉन की सहायक कंपनी एस ई फोर्ज की 17.1 फीसद हिस्सेदारी खरीद ली है।
इसके लिए उसने 400 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके बाद कंपनी में सुजलॉन की हिस्सेदारी 82.9 फीसद रहेगी। कंपनी का मानना है कि पवन ऊर्जा के क्षेत्र पर बाजार का कोई असर नहीं पड़ेगा, इसलिए उसने अपनी मूल विस्तार योजना में कोई बदलाव नहीं किया है।
राइट्स इश्यू का खेला
सुजलॉन के शेयरों में इस साल 88 फीसद की गिरावट
राइट्स इश्यू जर्मनी की आरईपावर में मार्टिफर की 22 फीसद हिस्सेदारी को खरीदने के लिए लाए जा रहे थे
आरईपावर में सुजलॉन के पास 66 फीसद हिस्सेदारी और 89 फीसद वोटिंग अधिकार