प्रमुख औषधि कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज का अमेरिकी कारोबार साल 2025 तक 2 अरब डॉलर के पार पहुंचने के आसार हैं। विश्लेषकों का कहना है कि इसे मुख्य तौर पर कंपनी के स्पेशिएलिटी दवा पोर्टफोलियो से ताकत मिलेगी। कंपनी फिलहाल चार स्पेशिएलिटी दवाओं के क्लीनिकल परीक्षण पर काम कर रही है।
स्पेशिएलिटी दवाओं का उपयोग गंभीर, जटिल और दुर्लभ रोगों के उपचार में होता है। इस प्रकार की दवाएं आमतौर पर पारंपरिक दवाओं से महंगी होती हैं। इसके अलावा रोग प्रबंधन एवं वितरण के मोर्चे पर भी इन दवाओं में जटिलता दिखती है। पिछले कुछ दशक के दौरान दवाओं पर कुल खर्च में स्पेशिएलिटी दवाओं की हिस्सेदारी लगातार बढ़ी है। साल 2011 में कुल दवा खर्च में स्पेशिएलिटी दवाओं की हिस्सेदारी 22 फीसदी थी जो बढ़कर 2021 में 39 फीसदी हो गई। साल 2026 तक यह आंकड़ा वैश्विक स्तर पर बढ़कर 45 फीसदी होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022 में वैश्विक स्पेशिएलिटी राजस्व 39 फीसदी की दमदार वृद्धि के साथ 67.4 करोड़ डॉलर हो गया जिसे मुख्य तौर पर सोराइसिस की दवा इल्युम्या से बल मिला। इल्युम्या की बिक्री 81 फीसदी बढ़कर 31.5 करोड़ डॉलर हो गई।
सन फार्मा के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) सीएस मुरलीधरन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘यदि आप हमारे समेकित कुल कारोबार में हमारे स्पेशिएलिटी कारोबार से प्राप्त कुल राजस्व के योगदान पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि इसमें लगातार वृद्धि हुई है। साल 2018 में इसकी वृद्धि 7 फीसदी थी जो जून 2022 तिमाही में 13 फीसदी तक पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही के दौरान स्पेशिएलिटी दवाओं की बिक्री सालाना आधार पर 29 फीसदी बढ़कर करीब 19.1 करोड़ हो गई।’
सन फार्मा ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अमेरिकी बाजार में मुहांसारोधी दवा विनलेवी को लाइसेंस के साथ वाणिज्यिक तौर पर उतारा। एडलवाइस रिसर्च ने कहा है कि विनलेवी को अगस्त 2020 में मंजूरी दी गई थी और वह अक्टूबर 2021 से वाणिज्यिक तौर पर उपलब्ध है।