चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कारण पैदा हुए व्यवधान के बावजूद टाटा स्टील ने दमदार वित्तीय प्रदर्शन किया है। निफ्टी50 कंपनियों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनी ने तिमाही के दौरान 9,768 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 4,648 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। क्रमिक आधार पर कंपनी का करोपरांत लाभ 36 फीसदी बढ़ा जो मार्च तिमाही में 7,161 करोड़ रुपये रहा था।
ब्लूमबर्ग के आकलन के अनुसार, जून तिमाही मेंं टाटा स्टील का मुनाफा 9,000 रुपये और राजस्व 52,300 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जाहिर किया गया था। इस्पात बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी का परिचालन राजस्व तिमाही के दौरान दोगुना से अधिक हो कर 53,371 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले की समान अवधि में 25,474 करोड़ रुपये रहा था। बीएसई पर टाटा स्टील का शेयर आज 117 फीसदी की ऊंचाई तक पहुंच गया। नतीजे जारी होने के बाद एनएसई पर कंपनी का शेयर 0.52 फीसदी बढ़त के साथ 1,433.6 रुपये पर पहुंच गया।
टाटा स्टील के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा, ‘कोरोनावायरस की दूसरी लहर के कारण भारतीय बाजार पिछली तिमाही में दोबारा बुरी तरह प्रभावित हुआ। इससे हमारा इस्पात उत्पादन और डिलिवरी प्रभावित हुई।’ उन्होंने कहा कि इसके बावजूद मांग में सुधार दिख रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार में इस्पात की कीमतें चीन के मुकाबले लगातार कम है।
तिमाही के दौरान टाटा स्टील की एबिटा 16,185 करोड़ रुपये रही जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। कंपनी के भारतीय कारोबार ने भी 13,946 करोड़ रुपये पर अब तक की सर्वाधिक एबिटा दर्ज की। तिमाही के दौरान कंपनी का पूंजीगत खर्च 2,011 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान सकल ऋण घटकर 84,237 करोड़ रुपये रह गया। तिमाही के दौरान कंपनी 5,894 करोड़ रुपये की ऋण अदायगी की जबकि कंपनी का शुद्ध ऋण बोझ घटकर 83,973 करोड़ रुपये रह गया।