दूरसंचार कंपनी एसटेल ने इक्विटी सहयोगी के तौर पर सुब्रतो रॉय नियंत्रित कंपनी सहारा इंडिया इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड से हाथ मिलाया है।
एसटेल नई दूरसंचार कंपनियों में शुमार है, जिसे सरकार ने पिछले साल लाइसेंस प्रदान की थी। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने जो दस्तावेज तैयार किए हैं, उसके मुताबिक एसटेल के पास भारतीय कंपनी स्काई सिटी फाउंडेशन की 18 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी (51 फीसदी) और टेलीकॉम इन्वेस्टमेंट (मॉरीशस) लिमिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
कंपनी की शेयर पूंजी दिसंबर 2008 में बढ़कर 138 करोड़ रुपये हो गई है। इसमें मौजूदा शेयरधारकों और सहारा इंडिया इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड की इक्विटी हिस्सेदारी भी शामिल है। हालांकि ग्रुप द्वारा हासिल की गई इक्विटी पूंजी का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।
एसटेल के पास बिहार, उड़ीसा, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए यूएएसएल लाइसेंस मिला हुआ है, लेकिन अभी तक कंपनी ने अपनी सेवाएं शुरू नहीं की है। इस तरह की अटकलबाजी भी चल रही है कि प्रवासी भारतीय व्यापारी सी. शिवशंकरन एयरसेल में अपनी पूरी हिस्सेदारी मलेशिया की टेल्को मैक्सिस को बेचकर एसटेल में हिस्सेदारी खरीदेंगे।
हालांकि शिवशंकरन ने इस तरह की किसी बात को खारिज कर दिया है। नया लाइसेंस प्राप्त करने वाली छह कंपनियों में से लूप टेलीकॉम, एसटेल, सिस्टेमा-श्याम और स्वान टेलीकॉम लाइसेंस प्राप्त करने के बाद अपनी इक्विटी संरचना में बदलाव कर चुकी है, हालांकि ट्राई द्वारा यूनीटेक वायरलेस की इक्विटी संरचना की समीक्षा अभी बाकी है।
डाटाकॉम एकमात्र कंपनी है, जिसने अपनी इक्विटी संरचना में कोई बदलाव नहीं किया है। ट्राई ने लाइसेंस प्राप्त करने वाली नई कंपनियों से अपनी इक्विटी की पूरी जानकारी देने को कहा था। इसी जानकारी को दूरसंचार विभाग को भी भेज दी गई है।
नियामक के मुताबिक, लूप टेलीकॉम के पास दो भारतीय प्रमोटरों बीपीएल मोबाइल कम्यूनिकेशन (51.24 फीसदी) और बीपीएल कम्युनिकेशन (48.76 फीसदी) की 130 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी है। इसके परिणामस्वरूप कंपनी ने अतिरिक्त इक्विटी भी जारी किए हैं, जिससे उसकी इक्विटी शेयर पूंजी बढ़कर 307.63 करोड़ रुपये हो गई है।
