दुनिया के एक सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क के नेतृत्व वाली सैटेलाइट कंपनी स्टारलिंक इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए देश के 10 ग्रामीण लोकसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों में बदलती जिंदगी के लिए ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी के महत्त्व पर सांसदों, मंत्रियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ वर्चुअल बातचीत करने की भी तैयारी कर रही है। स्पेसएक्स की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इकाई ने 2 लाख सक्रिय टर्मिनल के साथ दिसंबर 2022 से भारत में अपनी ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई है जो सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगी।
भारत में स्टारलिंक के कंट्री डायरेक्टर संजय भार्गव ने आज कहा, ‘मैं अक्टूबर में सांसदों मंत्रियों व भारत सरकार के सचिवों अथवा राज्यों के प्रधान सचिवों के साथ 30 मिनट की वर्चुअल बातचीत करने का भी इच्छुक हूं ताकि उन्हें बताया जा सके कि ग्रामीण क्षेत्रों में 100 फीसदी ब्रॉडबैंड से जीवन में सुधार होगा। भारत को भेजे गए 80 फीसदी स्टारलिंक टर्मिनलों के लिए हम संभवत: 10 ग्रामीण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’
इससे पहले भार्गव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि भारत से पूर्व ऑर्डर की संख्या 5,000 के पार पहुंच चुकी है और कंपनी ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने की इच्छुक है। हालांकि उन्होंने आशंका जताई कि यदि कंपनी को भारत में उपग्रह आधारित सेवाएं शुरू करने के लिए सरकार से मंजूरी नहीं मिली तो टर्मिनल की लक्षित संख्या तक पहुंचने के लिए अनिश्चितता बरकरार रहेगी। कंपनी ने ग्राहकों से 99 डॉलर यानी 7,350 रुपये प्रति ग्राहक शुल्क के साथ 50 मेगाबाइट से 150 मेगाबाइट प्रति सेकेंड गति की इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का वादा किया है।
बाजार में कंपनी को अपनी ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया से प्रतिस्पर्धा मिलेगी। इसके अलावा भारती समूह के निवेश वाली कंपनी वनवेब से उसका सीधा मुकाबला होगा।
भार्गव ने एक पोस्ट में कहा कि कंपनी उन ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों के साथ काम करेगी जो 100 फीसदी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, ‘इसमें से अधिकांश सेवाएं टेरेस्ट्रियल ब्रॉडबैंड द्वारा प्रदान की जाएंगी लेकिन स्टारलिंक जैसी सैटकॉम प्रदाताओं द्वारा दूरदराज के क्षेत्रों को संचालित किया जाएगा। हम उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब भारत का कोई ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र खुद को 100 फीसदी ब्रॉडबैंड के तौर पर घोषित करेगा।’
भारती के निवेश वाली उपग्रह संचार कंपनी वनवेब ने मई 2022 से भारत में अपनी सेवाओं की पेशकश करने की योजना बनाई है। दूरसंचार और उपग्रह ऑपरेटरों के बीच विशेष तौर पर 5जी सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण बैंड में मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर विवाद चल रहा है। दूरसंचार विभाग ने स्पेक्ट्रम आवंटन के मुद्दे पर दूरसंचार नियामक ट्राई से राय मांगी है लेकिन उपग्रह आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं का भविष्य काफी हद तक उन प्रक्रियाओं पर निर्भर करेगा जिसे सरकार रेडियो तरंगों के आवंटन के लिए चुनेगी। उपग्रह कंपनियां नहीं चाहती हैं कि उन्हें नीलामी के जरिये स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाए।
