किफायती दामों पर विमानन सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी स्पाइसजेट अपने बेड़े में से 2-3 विमानों को उनकी किराए पर लिए जाने की अवधि के खत्म होने से पहले ही कंपनियों को लौटा देगी।
अगर ऐसा होता है तो विमानन कंपनी के बेड़े परिचालन के लिए कुल 16 विमान ही बचेंगे, जिनमें से कोई भी विमान खाली या फिर दूसरी विमानन कंपनियों को सब-लीज पर नहीं दिया गया होगा।
एयरलाइन के एक अधिकारी ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि विमानों को वापस लौटाने की शुरुआती बातचीत जारी है, जबकि अब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है। अधिकारी ने यह भी बताया कि स्पाइसजेट लीजिंग कंपनियों से अगले सप्ताह विमानों को लौटाने के तौर-तरीकों का फैसला करने के लिए एक बैठक भी करने वाली है।
इसके अलावा विमानन कंपनी के पास अतिरिक्त विमानों के निपटारे के लिए उन्हें अन्य अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों को सब-लीज पर देने का विकल्प भी मौजूद है। हालांकि जब स्पाइसजेट के मुख्य वित्त अधिकारी पार्थसारथी बसु से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया, ‘हमारी लीजिंग कंपनियों को विमान लौटाने की किसी तरह की कोई योजना नहीं है। हो सकता है कि हम अन्य विमानन कंपनियों को विमान सब-लीज पर देने पर विचार कर सकते हैं। हम मौजूदा समय में एयर नेपाल जैसी कंपनियों से बातचीत कर रहे हैं, जो हमारे विमान लीज पर लेना चाहती हैं।’
गर्मियों में स्पाइसजेट के बेड़े में 19 विमान थे, जिनमें से दो खाली रहे, 1 की देख-रेख और रिपेयर से जुड़ी जांच चल रही थी, एक विमान को ट्रांसेविया विमानन कंपनी को सबलीज पर दिया गया था और बाकी बचे हुए 15 विमान भारत में घरेलू उड़ानें भर रहे थे।
एक अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर में शुरू होने वाली सर्दियों में विमानन कंपनी 16 विमानों को परिचालन के लिए उतारेगी, जिनमें एक अतिरिक्त विमान भी शामिल है, जो इस साल के अंत तक कंपनी के बेड़े में शामिल होने वाला है।
एक अधिकारी का कहना है, ‘एक विमान जिसकी जांच चल रही है, वह वापस जाएगा। इसलिए हमारे पास दो विमान रह जाएंगे जो खाली होंगे और सबलीज पर दिया गया विमान 29 अक्टूबर तक हमारे पास वापस आ जाएगा। ये वे तीन विमान हैं, जिन्हें हमारी योजना वापस देने की है।’
अगर विमाननों को लीजिंग की अवधि के खत्म होने से पहले ही वापस किया जाता है तो विमानन कंपनी को लीज का भाड़ा लॉक-इन अवधि के खत्म होने तक देना पड़ता है, फिर बेशक विमान का इस्तेमाल न किया जा रहा हो। हालांकि स्पाइसजेट के मामले में किराए पर लिए गए विमानों के लिए कोई लॉक-इन अवधि नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि विमान लौटाए जाने की स्थिति में लीजिंग कंपनी मुआवजा मांग सकती है।