प्रमुख विमानन कंपनी स्पाइसजेट के कारोबार पुनर्गठन संबंधी योजना को कानूनी अड़चन का सामना करना पड़ रहा है। अजय सिंह के नेतृत्व वाली विमानन कंपनी ने अपने लॉजिस्टिक्स एवं कार्गो कारोबार को स्पाइस एक्सप्रेस नाम से एक अलग सहायक कंपनी के तहत लाने की योजना बनाई है लेकिन पट्टादाता और लेनदारों ने इस पहल का विरोध किया है।
स्पाइसजेट के एक प्रमुख पट्टादाता गोशॉक ने अपने ट्रस्टी के साथ मिलकर कंपनी की इस पहल के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। उन्होंने अपनी याचिका में विमानन कंपनी की इस योजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जब तक कंपनी तीन विमानों के लिए करीब करीब 1.62 करोड़ डॉलर के बकाया किराये का भुगतान नहीं करती है तब तक किसी भी परिसंपत्ति के हस्तांतरण पर रोक लगाई जाए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में स्पाइसजेट को फिलहाल परिसंपत्तियों को अलग करने से रोक दिया है। यह घटनाक्रम एयरलाइन के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि कारगो इकाई की बिक्री करना कंपनी को पुनर्पूंजीकृत करने की मुख्य रणनीतियों में से एक है।
मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। स्पाइसजेट पूंजी जुटाने के लिए अपनी लॉजिस्टिक इकाई में शेयर बिक्री के लिए विभिन्न निजी इक्विटी निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है।
स्पाइसजेट की व्यवसायिक योजना से अवगत लोगों ने संकेत दिया है कि कंपनी के साथ चर्चा में शामिल निवेशकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे कार्गो व्यवसाय अलग रखना चाहेंगे। एयरलाइन ने कारगो इकाई के लिए नया एयर ऑपरेटर परमिट हासिल करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से भी संपर्क किया है और यात्री व्यवसाय से अलग प्रबंधन टीम बनाई है। विमानन कंपनी ने कहा है कि लॉजिस्टिक एवं सहायक इकाई को स्थानांतरित करने के संदर्भ में रोक के लिए अनुरोध अदालत द्वारा ठुकरा दिया गया है।
एयरलाइन के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम अदालती मामले पर ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दे सकते, क्योंकि अभी यह मामला विचाराधीन है। हमने इन विमानों के लिए निपटान और सेवा में वापसी के लिए सभी मैक्स पट्टेदाताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम एवलॉन और सीडीबी एविएशन के साथ भी ऐसा कर चुके हैं, और गोशॉक समेत अन्य पट्टेदाताओं के साथ बातचीत चल रही है। किसी मैक्स पट्टेदाता गोशॉक द्वारा किसी लीज को समाप्त नहीं किया गया है और मैक्स विमानों का सुरक्षित परिचालन बहाल करने के सभी वाणिज्यिक प्रयास किए जा रहे हैं।’ पिछले सप्ताह कंपनी ने घोषणा की थी कि उसे सहायक इकाई स्पाइसएक्सप्रेस ऐंड लॉजिस्टिक्स को अपना कार्गो एवं लॉजिस्टिक सेवा व्यवसाय करीब 2,555.77 करोड़ रुपये के मूल्य पर स्थानांतरित करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है।