तमाम दिग्गजों के बहीखाते बिगाड़ रही मंदी की नई शिकार इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं बनाने वाली महारथी सोनी कॉर्पोरेशन भी हो गई है।
जापान की इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कम से कम 8 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया है। इसके तहत कंपनी 16,000 कर्मचारियों की छुट्टी करेगी और इसके जरिये कम से कम 110 करोड़ डॉलर की बचत कर लेगी। इनमें आधे स्थायी कर्मचारी होंगे और बाकी अस्थायी।
वित्तीय मंदी के बीच इतनी बड़ी तादाद में छंटनी का ऐलान एशिया में पहली बार हुआ है। ऐपल इन्कॉर्पोरेशन के आईपॉड ने कंपनी को पोटर्बल संगीत के मामले में पछाड़ दिया है और फ्लैट स्क्रीन टेलीविजन के बाजार में भी उसे परेशानी उठानी पड़ रही है।
इन दिक्कतों को देखते हुए कंपनी अपने ढांचे में बदलाव चाहती है। इसी वजह से छंटनी के कदम उठाए जा रहे हैं।लेकिन विश्लेषकों की मानें, तो सोनी के लिए इतनी छंटनी नाकाफी ही होगी।
दुनिया भर में कंपनी के तकरीबन 186,000 कर्मचारी हैं। ऐसे में महज 16,000 की छुट्टी काफी नहीं होगी। कंपनी अभी और छंटनी के ऐलान कर सकती है।
छंटनी का ऐलान कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी हॉवर्ड स्ट्रिंगर के लिए धक्का माना जा रहा है। स्ट्रिंगर ने कंपनी की कमान 2005 में संभाली थी और उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार को तमाम फेरबदल के साथ वह पटरी पर वापस लाते दिख रहे थे।
एशिया की तमाम बड़ी कंज्यूमर डयूरेबल्स और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां मंदी से परेशान हैं। सैमसंग, पैनासॉनिक जैसी कंपनियां भी क्रिसमस के दौरान उम्मीद से बेहद कम बिक्री की संभावना देखकर मायूस हैं। अमेरिका, यूरोप और जापान में मंदी का असर चारों ओर देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से खरीदार ही नजर नहीं आ रहे हैं।
सोनी का मुनाफा येन ने भी बिगाड़ा है। येन की कीमत पिछले 13 साल के उच्चतम स्तर पर है, जिससे सोनी की कमाई घट गई है और उसके उत्पादों की कीमतें बढ़ गई हैं।
कंपनी ने अक्टूबर में ही कहा था कि वार्षिक परिचालन मुनाफे में इजाफे की अपनी उम्मीद उसने आधी कर दी है। इसके अलावा कंपनी ने कुछ संयंत्र बंद करने, पूंजी व्यय कम करने और छंटनी करने के संकेत भी दिए थे।