कंपनी के 1900 कर्मचारियों की बर्खास्तगी के ठीक एक दिन बाद उन्हें बहाल करने की घोषणा करते हुए जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश गोयल ने कहा, ‘मैं पूरी रात नहीं सो सका। जो कुछ हुआ उसके लिए मैं माफी मांगता हूं।’
नौकरी से निकालने का फैसला वापस लेते हुए गोयल ने कहा कि यह फैसला प्रबंधन की ओर से लिया गया था और इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। अपने कर्मचारियों को अपने परिवार के बच्चों की तरह बताते हुए उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को इस दौरान जो पीड़ा हुई उसके लिए वह माफी मांगते हैं।
कर्मचारियों की पीड़ा का दर्द शायद गोयल से बेहतर कोई समझ भी नहीं सकता था क्योंकि वह उन लोगों में से नहीं हैं जिन्हें कारोबार विरासत के तौर पर मिला है। गोयल को अपने स्कूल पहुंचने के लिए हर दिन मीलों पैदल चलना पड़ता था क्योंकि उनके माता पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे उन्हें एक साइकिल दिला पाते।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अपने मामा की कंपनी में 300 रुपये प्रतिमाह की तनख्वाह पर की थी। वर्ष 1949 में पंजाब के पटियाला में जन्मे गोयल के पिता गहनों का व्यवसाय करते थे और जब वह काफी छोटे थे, तब ही उनके पिता की मृत्यु हो गई थी।
वाणिज्य में स्नातक की डिग्री लेने के बाद करीब 18 साल की उम्र में वह दिल्ली आ गए और अपने मामा के साथ लेबनीज इंटरनेशनल एयरलाइंस में सेल्स एजेंट के रूप में काम करने लगे। तीन साल तक वह उसी दफ्तर में सोते थे जहां वह दिन में काम किया करते थे।
1974 में अपनी मां से कुछ रकम लेकर उन्होंने जेटएयर नाम से एक एजेंसी बनाई। वर्ष 1991 में जब भारत सरकार ने निजी विमान कंपनियों को एयर टैक्सी के नाम से अपने विमानों को उड़ाने की इजाजत दी, गोयल ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और 1993 में गल्फ एयर और कुवैत एयर की मदद से चार विमानों के साथ जेट एयरवेज की शुरुआत की।
गोयल ने अपने कारोबार को स्थापित करने के लिए किसी काम को छोटा या दोयम दर्जे का नहीं समझा। विमान को साफ रखने के लिए अपने पायलटों के साथ खुद वह भी टॉयलेट तक साफ किया
करते थे।
अपने शुरुआती जीवन में गोयल ने जो तकलीफें देखी थीं, उन्हें वह भूले नहीं हैं और शायद यही वजह है कि 2007 में एयर सहारा को खरीदने की घोषणा के बाद भी उन्होंने इस डील को बहुत अधिक महत्त्व नहीं दिया और इतना ही कहा, ‘यह कोई बहुत बड़ी डील नहीं है। मैं न तो बहुत खुश हूं और न ही इसे लेकर मुझे बहुत उत्साह है। पश्चिमी देशों में तो ऐसे अधिग्रहण होते ही रहते हैं।’
गोयल अंकशास्त्र को काफी मानते हैं और 23 तारीख को जन्म होने के कारण उन्हें 5 नंबर से बेहद लगाव है। यही वजह है कि एयर सहारा को खरीदने का निर्णय भी उन्होंने 5 तारीख को ही किया था। खाली समय में उन्हें बॉलीवुड की फिल्में देखना पसंद है।