देश का 4.3 लाख करोड़ रुपये का एफएमसीजी (रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं) बाजार कैलेंडर वर्ष 2020 में 1 से 3 प्रतिशत तक फिसल सकता है। बाजार पर शोध करने वाली कंपनी नीलसन ने आज कहा कि जिंस के दाम बढऩे से देश में एफएमसीजी कारोबार की रफ्तार कमजोर हो सकती है। वैसे कैलेंडर वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में इस क्षेत्र का प्रदर्शन अच्छा रहा है और चौथी तिमाही से भी ऐसी ही उम्मीदें हैं। लेकिन नीलसन की रिपोर्ट से इन उम्मीदों पर सवालिया निशान लग गया है।
नीलसन ने कहा कि तीसरी तिमाही में एफएमसीजी बाजार में 0.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। एजेंसी ने कहा कि इस आंकड़े में परंपरागत कारोबार एवं आधुनिक व्यापार माध्यमों पर ही विचार किया गया है। एजेंसी ने कहा कि अगर इसमें ई-कॉमर्स कारोबार भी शामिल कर लिया जाए तो एफएमसीजी उद्योग की कुल वृद्धि दर तीसरी तिमाही में 1.6 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। नीलसन ग्लोबल कनेक्ट में कार्यकारी निदेशक (रिटेल इंटेलिजेंस, दक्षिण एशिया) समीर शुक्ला ने कहा, ‘चालू कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही कारोबार वृद्धि के मामले में तीसरी तिमाही के मुकाबले बेहतर रह सकती है। लेकिन इस वर्ष की दूसरी छमाही में हुई वृद्धि पूरे वर्ष की सुस्त रफ्तार की भरपाई नहीं कर पाएगी।’
कोविड-19 संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी, जिससे अन्य क्षेत्रों के साथ एमएफसीजी कारोबार पर भी असर हुआ था। अप्रैल-जून तिमाही में इस क्षेत्र में कारोबार 19 प्रतिशत तक गिर गया था। ग्रामीण क्षेत्रों के बूते जून में एफएमसीजी उद्योग की वापसी जरूर हुई मगर जुलाई-सितंबर में इस क्षेत्र की ज्यादातर कंपनियां सतर्क रही हैं। इन कंपनियों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन जारी रहने से जुलाई में उनके कारोबार पर असर हुआ। हालांकि कंपनियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढऩे से अगस्त और सितंबर महीने उनके लिए अच्छे रहे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का कहना है कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे ही सही मगर आगे बढ़ रही है, जिससे अगले 12 महीनों के दौरान उपभोक्ताओं में विश्वास बढ़ता ही जाएगा। अक्टूबर में अपने सर्वेक्षण में आरबीआई ने कहा कि भविष्य के लिए उम्मीदें बढ़ी हैं। नीलसन ग्लोबल कनेक्ट के ही दीप्तांशु रे (लीड, रिटेल इंटेलिजेंस, दक्षिण एशिया) का कहना है कि एफएमसीजी बाजार में इस समय अनिश्चितताएं काफी अधिक हैं, इसलिए एजेंसी कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए कोई अनुमान देने से बच रही है। उन्होंने कहा, ‘अगले वर्ष कोविड-19 से बचाव का टीका उपलब्ध होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं और अन्य आर्थिक गतिविधियां भी माहौल सुधरने का संकेत दे रही हैं, लेकिन पुख्ता तौर पर फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है।’
मगर कुछ अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों को उम्मीद है कि अगले वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही तक शहरी क्षेत्रों में एफएमसीजी कारोबार पटरी पर आ जाएगा क्योंकि लोग अब कोविड-19 के साथ आगे बढऩे के लिए मानसिक रूप से तैयार हो गए हैं। एफएमसीजी क्षेत्र की कुल बिक्री में शहरी क्षेत्र की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक जी चोकालिंगम एफएमसीजी कारोबार की दशा-दिशा पर कहते हैं, ‘ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि अगले वर्ष जून तक टीका आ जाएगा। सरकार के हिसाब से तो मार्च तिमाही तक टीका उपलब्ध हो जाएगा। टीका आने से खासकर शहरों में कारोबार एवं उपभोक्ता दोनों के लिए हालात सहज हो जाएंगे क्योंकि शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 का असर अधिक रहा है।’
