विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस और कम किराये वाली विमानन कंपनी एयर डेक्कन के विलय के बाद बनी कंपनी सिंप्लीफ्लाई डेक्कन का अस्तित्व जल्द ही खत्म हो सकता है।
घरेलू बाजार में यह कंपनी शायद अब कुछ ही दिनों की मेहमान है। किंगफिशर एयर डेक्कन के साथ विलय की प्रक्रिया अगस्त में पूरी कर रही है और इसके बाद वह अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए अलग रणनीति बना रही है। किंगफिशर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन 3 सितंबर से शुरू करेगी। इसके लिए वह डेक्कन को मिले लाइसेंस का इस्तेमाल करेगी, लेकिन ब्रांड उसका ही होगा।
सूत्रों के मुताबिक घरेलू बाजार में भी धीरे-धीरे डेक्कन का कम किराये वाला ब्रांड खत्म कर दिया जाएगा। उसकी जगह किंगफिशर ब्रांड ले लेगा। इसके अलावा किंगफिशर के पास संपूर्ण सेवा वाली एयरलाइन के दो मॉडल होंगे और कम किराये वाली सेवा का भी पहले से बेहतर मॉडल होगा। लेकिन ये सभी एक ही ब्रांड के तले होंगे।
लेकिन इस प्रक्रिया के बारे में बात करने के लिए किंगफिशर के अधिकारी उपलब्ध नहीं हो सके। डेक्कन को मंगलवार को ही बेंगलुरु से लंदन के लिए हफ्ते में सात उड़ानें संचालित करने का लाइसेंस हासिल हुआ है। वह 13 अंतरराष्ट्रीय स्थलों पर उड़ानें संचालित करने की योजना बना रही है।
इस प्रक्रिया से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘इस बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं दी गई है, लेकिन हमें पता है कि ऐसा हो रहा है। कम किराये वाले मॉडल को किंगफिशर ब्रांड के अंतर्गत ही रखा जाएगा। इसका मतलब है कि एक ही एयरलाइन में दो तरह के किराये रखे जाएंगे। दोनों एयरलाइंस इस समय इसी रणनीति पर काम कर रही हैं।
बहुत मुमकिन है कि जल्द ही इस बारे में ऐलान कर दिया जाए।’ भारत में विमानन कंपनियों के बीच विलय या अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नई कंपनी के लिए तमाम तरह के मॉडल आजमाए गए हैं। जेट एयरवेज ने एयर सहारा का अधिग्रहण करने के बाद कंपनी का नाम जेट लाइट रख दिया।
एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद नई कंपनी के तहत एक ही ब्रांड में दोनों सेवाएं शुमार कर ली गईं। माल्या का मॉडल भी एयर इंडिया के इसी मॉडल के करीब है यानी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सेवाओं के लिए ब्रांड एक ही होगा।
डेक्कन एविएशन में पिछले साल 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के बाद किंगफिशर ने उसकी रीब्रांडिंग के लिए 2,500 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कह दी थी। इसकी वजह से ही यह कंपनी भी अब किंगफिशर जैसी ही लगने लगी है।
रीब्रांडिंग की इस कवायद के तहत डेक्कन का लोगो बदला जा रहा है। डेक्कन के लोगो में दो हाथ आपस में जुड़े हुए थे, लेकिन नए लोगो में किंगफिशर की चिड़िया ही दिखेगी। इसके अलावा किंगफिशर की पहचान बन चुके लाल रंग से ही डेक्कन के विमान रंगे जा रहे हैं। पहले डेक्कन के विमानों का रंग पीला और सफेद होता था। इसके अलावा दोनों कंपनियों का टिकट प्लेटफॉर्म भी एक ही होगा।