मंदी के माहौल में जहां उपभोक्ता अपने खर्चों में कटौती कर रहा है, वहीं क्विक सर्विस रेस्टोरेंटों- मैकडॉनल्ड, डोमिनोज, पिज्जा हट, केएफसी, निरुलाज और लाइट बाइट फूड तेजी से विकास कर रहा है।
यही वजह है कि फास्ट फूड रेस्टोरेंट अपनी विस्तार योजनाओं को पूरा करने में जुटी है। उनके मुताबिक, मंदी के बावजूद फूड रिटेल इंडस्ट्रीज सालाना 30 फीसदी की दर से विकास कर रही है।
मैकडॉनल्ड ने चालू वित्त वर्ष में 120-150 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। देशभर में कंपनी के 155 आउटलेट हैं, जिसमें 40 आउटलेट और जोड़ने की तैयारी चल रही है। इसके साथ ही कंपनी की ओर से 40 कियोस्क भी खोले जाएंगे।
मैकडॉनल्ड (उत्तर और पूर्व) के प्रबंध निदेशक विक्रम बख्शी का कहना है कि मंदी के बावजूद उम्मीद है कि इस साल कंपनी की विकास दर 30-35 फीसदी रहेगी। डोमिनोज भी चालू वित्त वर्ष में 75-80 करोड़ रुपये निवेश की तैयारी कर रही है, जबकि अगले तीन सालों में कंपनी की ओर से 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
कंपनी 65-70 आउटलेट और खोलने की योजना बना रही है। कंपनी 2 टीयर और 3 टीयर शहरों में भी विस्तार की योजना बना रही है। कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि पिछले चार सालों से कंपनी 45 फीसदी की दर से सालाना विकास कर रही है और इस साल भी विकास दर बरकरार रहने की उम्मीद है।
मुंबई की स्थानीय फूड रिटेल चेन 30 करोड़ रुपये की लागत से 52 वड़ा पाव स्टोर खोलने की योजना से अपने विस्तार की योजना बना रही है। कंपनी के सह-संस्थापक धीरज गुप्ता का कहना है कि कंपनी अगले तीन सालों में मुंबई में अपने स्टोरों की संख्या बढ़ाकर 300 करने की तैयारी में है।
लाइट बाइट के चेयरमैन अमित बर्मन का कहना है कि लोगों ने रेस्टोरेंटों में खाना कम नहीं किया है। वैसे कुछ फूड रिटेल कंपनियों ने कम दरों पर समान उपलब्ध कराने की स्कीम पेश की है, जिसे लोगों ने हाथों-हाथ लिया है। बर्मन ने बताया कि लाइट बाइट भी 2012 तक 200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है। केएफसी और पिज्जा हट भी विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है।
