सीमेंस का शेयर गुरुवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 5.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,152 रुपये प्रति शेयर पर आ गया, क्योंकि मार्जिन पर दबाव के बीच कंपनी की कमाई अनुमानों के अनुरूप नहीं हुई। शुक्रवार को भी इसके शेयर में खासी गिरावट दर्ज हुई और यह 1.48 प्रतिशत गिरकर 2,120 रुपये पर बंद हुआ।
निकट भविष्य में लागत का दबाव जारी रहने के आसार के बावजूद अधिकांश ब्रोकरेज तटस्थ, खरीद या बेहतर प्रदर्शन की अनुशंसा कर रहे हैं। उनका मानना है कि सीमेंस लंबी अवधि में लाभ की दिशा में बढ़ रही है, क्योंकि निजी पूंजीगत व्यय में सुधार हो रहा है, जिसका श्रेय विविधतापूर्ण एंड-मार्केट जोखिम और उत्पाद पोर्टफोलियो को जाता है।
एडलवाइस की रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते निजी पूंजीगत व्यय और बड़े विनिर्माण की राह के कारण कंपनी की बाजार संभावना में विस्तार हो रहा है। इसके समकक्ष कंपनियों के विपरीत सीमेंस सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और नए खंडों से अतिरिक्त लाभ के साथ निजी पूंजीगत व्यय के पुनरुद्धार, दोनो में ही भूमिका निभा रही है।
कंपनी ने सितंबर तिमाही में 4,233 करोड़ रुपये का समेकित सकल राजस्व दर्ज किया था, जो सालाना आधार पर 23 प्रतिशत और क्रमिक रूप से 47 प्रतिशत अधिक था। स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल उद्योगों से राजस्व में सालाना आधार पर खासा इजाफा हुआ है, जबकि आवागमन और ऊर्जा खंड के राजस्व में महत्त्वपूर्ण क्रमिक वृद्धि देखी गई है। इस तिमाही के दौरान इसका समेकित शुद्ध लाभ 321 करोड़ रहा, जो पिछली तिमाही के 138 करोड़ रुपये से अधिक था, लेकिन इसमें पिछले साल के 330 करोड़ रुपये के मुकाबले गिरावट रही।
सीमेंस के लिए सितंबर तिमाही वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही होती है, क्योंकि यह अक्टूबर-सितंबर वाले वित्त वर्ष का अनुसरण करती है।
मजबूत उत्पाद पोर्टफोलियो के बावजूद ब्रोकरेजों को लगता है कि कंपनी को राजस्व वृद्धि की उम्मीदों को पूरा करने के लिए ऑर्डर लेने के मामले में जोरदार तरीके से काम करने की जरूरत है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) ने एक रिपोर्ट में कहा कि सितंबर तिमाही में ऑर्डर प्रवाह सालाना आधार पर पांच प्रतिशत बढ़कर 3,380 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन क्रमिक रूप से यह कुछ कम हुआ है। अच्छे मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए मजबूत ऑर्डर प्रवाह इसके भविष्य के मद्देनजर काफी जरूरी है।
हालांकि आने वाले महीनों में कंपनी के सकल राजस्व में इजाफा होने की उम्मीद है, लेकिन ब्रोकरेजों को लगता है कि जिंस की बढ़ती कीमत और अधिक लॉजिस्टिक्स लागत आने वाली तिमाहियों में भी मार्जिन को प्रभावित कर सकती हैं।
सितंबर तिमाही में कंपनी ने 10.4 प्रतिशत का समेकित मार्जिन दर्ज किया था, जो सालाना आधार पर 280 आधार अंक कम था।
