श्रीराम समूह में कारोबार के पुनर्गठन के तहत श्रीराम कैपिटल (एससीएल) और श्रीराम सिटी यूनियन फाइनैंस (एससीयूएफ) का विलय श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस (एसटीएफसी) के साथ किया जाएगा। नई इकाई भारत में सबसे बड़ी रिटेल गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) होगी और उसका नाम श्रीराम फाइनैंस लिमिटेड होगा।
विलय के बाद एकीकृत इकाई द्वारा संभाली जाने वाली कुल संपत्ति (एयूएम) 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगी और इसके ग्राहकों की संख्या 2 करोड़ से अधिक होगी, जिसके देश भर में करीब 3,500 वितरण नेटवर्क होंगे। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 50,000 से अधिक होगी। विलय प्रक्रिया के तहत श्रीराम ट्रांसपोर्ट एससीयूएफ के हरेक शेयर के बदले 1.55 शेयर और एससीएल के प्रत्येक शेयर के बदले 0.097 शेयर जारी करेगी। समूह को उम्मीद है कि विलय प्रक्रिया अगले 9 महीने में पूरी हो जाएगी।
विलय की खबर से बीएसई पर श्रीराम ट्रांसपोर्ट को शेयर 1.76 फीसदी घटकर 1,476.25 रुपये पर बंद हुआ। श्रीराम सिटी यूनियन फाइनैंस 5.87 फीसदी की बढ़त के साथ 2,143.6 रुपये पर बंद हुआ।
तीनों कंपनियों के निदेशक मंडल ने विलय प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। अब विलय के लिए शेयरधारकों और नियामकों जैसे
भारतीय रिजर्व बैंक, राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट तथा राष्ट्रीय आवास बैंक से मंजूरी लेनी होगी। कंपनी ‘श्रीराम वन’ नाम से सुपर ऐप भी लाएगी जिस पर ऋण, बचत और बीमा उत्पाद उपलब्ध होंगे।
श्रीराम कैपिटल के प्रबंध निदेशक डीवी रवि ने कहा, ‘हम अपने होल्डिंग ढांचे को सरल बना रहे हैं। विलय के बाद हम देश की सबसे बड़ी रिटेल एनबीएफसी होंगे।’ उन्होंने कहा कि तकनीक के जरिये ग्राहकों को सभी उत्पादों तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जिससे कंपनी की सकारात्मक वृद्घि होगी। पूंजीगत व्यय के बिना इससे कंपनी के वितरण नेटवर्क को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।विलय से समूह को सभी ऋण उत्पादों – व्यावसायिक वाहन, दोपहिया ऋण, गोल्ड लोन, पर्सनल लोन, कार लोन और एसएमई ऋण को एक साथ लाने में मदद मिलेगी। समूह के अन्य सभी कारोबार: जीवन बीमा, सामान्य बीमा और गैर-ऋण एवं गैर-बीमा गतिविधियों को अलग करने के बाद एससीएल का विलय एसटीएफसी के साथ किया जाएगा।
श्रीराम हाउसिंग फाइनैंस, 85.02 फीसदी हिस्सेदारी के साथ श्रीराम फाइनैंस की सहायक इकाई होगी। विलय के बाद श्रीराम फाइनैंस के पास श्रीराम ऑटोमॉल इंडिया में 44.56 फीसदी हिस्सेदारी बनी रहेगी। बीमा सहित अन्य कारोबार अलग इकाई में होंगे। नई घोषणा श्रीराम समूह के संस्थापक आर त्यागराजन के दो हफ्ते पहले किए गए ऐलान के बाद की गई है। उन्होंने श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट का संचालन प्रबंधन बोर्ड द्वारा किए जाने की घोषणा की थी।एसटीएफसी के कार्यकारी वाइस चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी उमेश रेवंकर एकीकृत इकाई के वाइस चेयरमैन होंगे। श्रीराम सिटी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी वाई एस चक्रवर्ती एकीकृत इकाई के प्रबंध निदेशक और सीईओ होंगे। मुख्य वित्त अधिकारी पराग शर्मा बोर्ड में पूर्णकालिक निदेशक के तौर पर काम करेंगे।
चक्रवर्ती ने कहा, ‘सभी इकाइयों को एकीकृत करने का विचार ग्राहकों को समूह के सभी उत्पादों को एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के मकसद से किया गया है। इससे ग्राहकों को भी आसानी होगी।’ उन्हंोंने कहा कि श्रीराम फाइनैंस अपने उत्पाद पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी और आपूर्ति-शृंखला फाइनैंस एवं लॉजिस्टिक सेगमेंट जैसे नए उत्पाद लाएगी। मॉर्गन स्टैनली और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इस सौदे में वित्तीय सलाहकार की भूमिका अदा की। मूल्यांकन का काम बंसी सी मेहता ऐंड कंपनी तथा ईवाई ने किया। जेऐंडएम लीगल ने कानूनी सलाहकार की जिम्मेदारी निभाई। एचएसबीसी और जेएम फाइनैंशियल ने उचित विकल्प मुहैया कराने में मदद की।
