शेल रूस में एक प्रमुख तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) संयंत्र में अपना हिस्सा बेचने के लिए भारतीय ऊर्जा कंपनियों के कंसोर्टियम के साथ बातचीत कर रही है। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद ब्रिटिश कंपनी ने इसे बंद कर दिया था।
रूसी संयंत्र में कंसोर्टियम की संभावित दिलचस्पी से पता चलता है कि किस तरह से भारत ऊर्जा परिसंपत्तियों और बाजार में आ रही सस्ते तेल की आपूर्ति को लेकर इच्छुक है, क्योंकि पश्चिमी कंपनियां रूस से पीछे हट रही हैं।
शेल ने फरवरी में कहा था कि वह अपने रूसी परिचालन से बाहर निकलेगी, जिसमें रूस के पूर्वी तट पर सखालिन-2 एलएनजी संयंत्र में उसकी 27.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सूत्रों का कहना है कि हिस्सेदारी खरीदने के लिए कंपनी ने हाल में ओएनजीसी विदेश और गेल समेत कई भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत की है। शेल ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देने से इनकार कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि शेल अपने दीर्घावधि सौदों के लिए अलग बोलियों के लिए भी भारतीय समूह से बात कर रही है। रॉयटर्स ने पिछले महीने खबर दी थी कि भारत सरकार ने सरकारी ऊर्जा कंपनियों से बीपी समेत यूरोपीय तेल दिग्गजों से रूसी परिसंपत्तियां खरीदने की संभावनाओं का आकलन करने को कहा है।
