अस्पताल कंपनियों के शेयरों पर दलाल पथ की प्रतिक्रिया इस साल अप्रैल से काफी हद तक सकारात्मक रही है। अपोलो हॉस्पिटल्स और फोर्टिस हेल्थकेयर जैसे कुछ बड़े नामों को छोड़कर कई शेयरों ने बाजार के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है।
एस्टर डीएम हेल्थकेयर, शैल्बी, और मैक्स हेल्थकेयर इस अवधि के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर रहे और उनमें 26 प्रतिशत तक की तेजी आई, जबकि सेंसेक्स तथा बीएसई हेल्थकेयर सूचकांकों में 0.9 प्रतिशत और 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों का मानना है कि शेयरों में तेजी बनी रह सकती है, क्योंकि परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। उनका कहना है कि यह सेक्टर मध्यावधि से दीर्घावधि के लिहाज से अनुकूल है, क्योंकि कई कंपनियों द्वारा अपना सर्वोच्च उपयोग स्तर छूना बाकी है।
प्रभुदास लीलाधर में शोध विश्लेषक परम देसाई का कहना है, ‘अस्पताल कंपनियां पिछले कुछ वर्षों से समेकन के दौर से गुजर रही हैं, और इसका लाभ पिछले दो साल में ही दिखना शुरू हुआ है। हालांकि कई कंपनियां अभी भी अपने उचित उपयोग स्तर पर नहीं पहुंच पाई हैं, कुछ कंपनियां कोविड-19 से पहले जैसे स्तरों पर परिचालन अभी भी नहीं कर रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय मरीज प्रवाह अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुआ है। ये कारक मध्यावधि वृद्धि में अहम योगदान देंगे।’
देसाई का कहना है कि मौजूदा अधिग्रहण एवं विस्तार प्रयासों से अगले 4-5 साल में वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि कंपनियां तब तक क्षमता दोगुनी करेंगी।
अपोलो हॉस्पिटल्स ने हाल में गुरुग्राम में एक अस्पताल अधिग्रहण और नयति हेल्थकेयर ऐंड रिसर्च से 650 बिस्तरों की संभावनाओं के साथ हरियाणा में प्रवेश किया है।
फोर्टिस हेल्थकेयर ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए 400 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की योजना बनाई है। उसने करीब 1,500 नए बिस्तर शामिल कर अगले तीन साल में यह संख्या 5,000 करने का लक्ष्य रखा है। खबरों में कहा गया है कि इस बीच, मैक्स हेल्थकेयर, केयर हॉस्पिटल्स अधिग्रहण की दौड़ में भी है और इससे पहले उसने महाराष्ट्र स्थित सहयाद्री हॉस्पिटल्स के लिए भी बोली लगाई थी।
विश्लेषकों का मानना है कि कई कंपनियां उचित कर्ज स्तर के साथ मजबूत नकदी प्रवाह बरकरार रखे हुए हैं, क्योंकि ज्यादातर पूंजीगत खर्च मौजूदा परिचालन के विस्तार, नए संयंत्रों की खरीद से जुड़ा हुआ है।
जेफरीज ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान मुनाफे में आई बड़ी तेजी के साथ अस्पतालों ने अपना कर्ज स्तर घटाया है। वित्त वर्ष 2021-22 में, मैक्स और फोर्टिस का शुद्ध कर्ज/एबिटा 1 गुना से नीचे आ गया, जबकि अपोलो के लिए यह 1.2 गुना था। पिछले पांच साल के दौरान यह 3.5 गुना से नीचे आया है।’
वित्त वर्ष 2023 के लिए, अस्पताल कंपनियों द्वारा करीब 18 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज किए जाने का अनुमान है। कंपनियों को मार्जिन में सुधार की वजह से शुद्ध लाभ में इजाफा करने में मदद मिल सकती है।