देश की सबसे पुरानी स्टील उत्पादक कंपनी टाटा स्टील ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण आर्थिक स्थिति पर पड़े असर के कारण वित्त वर्ष 2021 में उनके कर्मचारियों के वेतन में औसतन 2.58 फीसदी की कटौती हुई। 31 मार्च, 2021 को टाटा स्टील के स्थायी कर्मचारियों की संख्या 31,189 थी।
इस अवधि में टाटा स्टील के अहम पदाधिकारियों के वेतन में 6.01 फीसदी की कटौती हुई। यह जानकारी टाटा स्टील की 14वीं सालाना रिपोर्ट (वित्त वर्ष 21 के लिए) से मिली। हालांकि मुख्य कार्याधिकारी, प्रबंध निदेशक, कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्त अधिकारी के लिए वित्त वर्ष 2020-21 की खातिर 5 मई, 2021 को निदेशक मंडल की तरफ से मंजूर कमीशन/बोनस को देखते हुए
वित्त वर्ष 2021 के लिए प्रबंधकीय पारिश्रमिक में 28 फीसदी की बढ़ोतरी का पता चलता है।
कंपनी के अहम अधिकारी टीवी नरेंद्रन को पिछले एक साल के मुकाबले वित्त वर्ष 21 में 38 फीसदी ज्यादा पारिश्रमिक मिला, वहीं कौशिक चटर्जी के पारिश्रमिक में इस अवधि में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
वित्त वर्ष 21 में मिले पारिश्रमिक के लिहाज से टीवी नरेंद्रन व कौशिक चटर्जी 10 अग्रणी कर्मचारियों की सूची में शामिल हैं। टीवी नरेंद्रन को 11.08 करोड़ रुपये जबकि चटर्जी को 10.10 करोड़ रुपये सालाना मिल रहे हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रबंधकीय पारिश्रमिक में हुई बढ़ोतरी की तुलना वित्त वर्ष 2019-20 से नहीं हो सकती क्योंकि कोविड महामारी के कारण वित्त वर्ष 2019-20 में प्रबंधकीय पारिश्रमिक में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। वहीं निदेशकों ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कम पारिश्रमिक लेने का फैसला किया ताकि संसाधन की बचत हो।
समीक्षाधीन अवधि में कंपनी ने कोविड-19 की चुनौतियों के बीच मजबूत प्रदर्शन किया। टाटा स्टील ग्रुप का एकीकृत कर पश्चात लाभ वित्त वर्ष 21 में 8,190 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले के 1,172 करोड़ रुपये के मुकाबले काफी ज्यादा है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से कारोबारी प्रदर्शन में सुधार के कारण दर्ज हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है, अनुशासित तरीके से पूंजी आवंटन और सख्त कार्यशील पूंजी प्रबंधन से टाटा स्टील के पास सबसे ज्यादा नकदी प्रवाह देखने को मिला और कंपनी ने वित्त वर्ष 21 के लिए 23,748 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च किया। हालांकि नीति के तौर पर चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कंपनी से कमीशन नहीं लिया।
मौजूदा महामारी के बीच टाटा स्टील मौजूदा वित्त वर्ष में अपनी बैलेंस शीट मजबूत बनाने पर ध्यान बनाए रही। कंपनी के प्रबंधन ने कहा, हमारा इरादा पूंजीगत खर्च व कर्ज के पुनर्भुगतान के बीच संतुलन बनाने का है और हम टाटा स्टील समूह की सरलीकरण की प्रक्रिया भी तेज कर रहे हैं।
कंपनी की योजना चार अहम कारोबारी क्लस्टर लॉन्ग प्रॉडक्ट्स, डाउनस्ट्रीम, माइनिंग, यूटिलिटीज और इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज बनाने की है।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच पूंजीगत खर्च के मोर्चे पर कंपनी का ध्यान कलिंगनगर में अगले 12 महीने में कोल्ड रोलिंग मिल व पैलेट प्लांट पूरा करने पर है। फ्लैट स्टील उत्पादों में मजबूत उपस्थिति वाली कंपनी टाटा स्टील इन्फ्रा मांग के बाद अब लॉन्ग प्रॉडक्ट में अपनी मौजूदगी बढ़ाने पर विचार कर रही है, साथ ही उसका इरादा खनन क्षेत्र पर भी ध्यान देने का है।
फ्लैट स्टील का इस्तेमाल वाहन उद्योग मेंं होता है, वहीं लॉन्ग स्टील का इस्तेमाल निर्माण व बुनियादी ढांचा उद्योग में। इसके अलावा कंपनी ने स्टील रीसाइक्लिंग कारोबार में प्रगति की है और हरियाणा के स्क्रैप प्रोसेसिंग प्लांट से 5 लाख टन का पहला कंसाइनमेंट भेज दिया है।
विदेशी परिचालन के बारे में कंपनी ने कहा है कि यूरोपीय कारोबार (नीदरलैंड व यूके कारोबार को अलग करने समेत) को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही वित्त वर्ष 21 में एबिटा में 50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद टाटा स्टील दक्षिण एशिया के परिचालन को कारोबारी जारी रखने के तौर पर दोबारा वर्गीकृत किया गया है।
