शिपिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (एससीआई) की बोली में शामिल होने के लिए सेफसी समूह को हरी झंडी मिल गई है। सोमवार को एससीआई के गोपनीय वित्तीय आंकड़े सेफसी और अन्य वित्तीय बोलीकर्ताओं के साथ साझा किए जाएंगे।
एक अधिकारी ने कहा कि मध्यस्थों ने सेफसी समूह के नाम को एससीआई में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने वाले पात्र बोलीकर्ताओं के रूप में मंजूरी दे दी है। इसके पहले चल रहे विवाद के कारण कंपनी की अपात्रता को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे।
मध्यस्थों से कहा गया था कि वे समूह की पात्रता के दायरे पर फिर से विचार करें। अब कंपनी फर्म के लिए बोली लगा सकती है क्योंकि मध्यस्थ इस परिणाम पर पहुंचे हैं कि लंबित बकाया, जिसको लेकर विवाद चल रहा था, एससीआई के संज्ञान में है और कंपनी ने इसके लिए प्रावधान किया था। अधिकारी ने कहा कि यहां तक कि इसे बोर्ड की बैठक के ब्योरे में भी दर्ज किया गया है।
सरकार एससीआई में अपनी पूरी 63.75 हिस्सेदारी बेच रही है, जिसके पास बल्क कैरियर और क्रूड ऑयल टैंकर हैं। सेफसी ग्रुप, मेघा इंजीनियरिंग ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर और रवि मेहरोत्रा की फोरसाइट ग्रुप ने कंपनी के अधिग्रहण में दिलचस्पी दिखाई है।
इन बोलीकर्ताओं को अब वर्चुअल डेटा रूम तक पहुंच मिल सकेगी और कंपनी के बारे में आकलन करने में सक्षम हो सकेंगे।
शिपिंग कॉर्पोरेशन उन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में शामिल है, जिसे सरकार ने नवंबर 2019 में निजीकरण के लिए चिह्नित किया है। इसके अलावा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, कंटेनर कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (कॉनकोर) को भी इस शुरुआती चरण में निजीकरण के लिए चिह्नित किया गया था। कोविड-19 महामारी और दूसरी लहर के कारण सरकार के निजीकरण अभियान पर असर पड़ा है।
