अगले कुछ दिनों में अपना 4,300 करोड़ रुपये का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) लाने की तैयारी कर रही खाद्य तेल एवं खाद्य उत्पाद दिग्गज रुचि सोचा इंडस्ट्रीज ने पांच से सात वर्षों में खाद्य तेलों के भारतीय आयात में कमी लाने की योजना बनाई है। कंपनी ने भारत के खासकर उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपने स्वयं के बागान शुरू करने की योजना बनाई है। रुचि सोया के गैर-कार्यकारी निदेशक स्वामी बाबा रामदेव ने आज कहा कि रुचि सोया के इस कदम से तिलहनों के लिए खेती का क्षेत्र बढ़ेगा।
बाबा रामदेव ने कहा कि भारत मौजूदा समय में अपनी 65 प्रतिशत खाद्य तेल जरूरत (करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये) विदेश से आयात करता है और रुचि सोया इसे भारत में ही उत्पादन करना चाहती है। बाबा रामदेव ने बताया, ‘हमने खाद्य तेल आयात पूरी तरह घटाने का लक्ष्य रखा है और भारत सरकार इस संबंध में पहले ही कदम उठा चुकी है।’ रुचि सोया ने कहा है कि भारत में भविष्य में पाम की खेती बढऩे की संभावना है। भारत में पाम ऑयल खेती के लिए 19.3 लाख हेक्टेयर भूमि की पहचान की गई है। उम्मीद है कि कंपनियों के जरिये पाम की खेती का और विस्तार किया जाएगा। उसने यह भी कहा है, ‘पाम तेल के लिए आयात निर्भरता घटाने पर सरकार द्वारा जोर दिए जाने से इस क्षेत्र को किसानों के लिए जोन आवंटन, वित्तीय सहायता आदि के संबंध में सरकार से और मदद मिलने की उम्मीद है।’
