ब्रिटेन की फिनटेक फर्म रिवॉल्ट की भारतीय इकाई रिवॉल्ट इंडिया ने अंतरराष्ट्रीय रकम हस्तांतरण कंपनी अर्वोग फॉरेक्स के रणनीति अधिग्रहण की घोषणा की है। यह अधिग्रहण कंपनी में लाखों डॉलर के निवेश का हिस्सा है। सौदे के वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं किया गया है।
रिवॉल्ट इंडिया की प्रमुख परोमा चटर्जी ने हाल में बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा था कि कंपनी इस साल की दूसरी छमाही तक अपनी सेवाएं शुरू करेगी। उन्होंने कहा था कि भारत के फिनटेक क्षेत्र में अधिग्रहण अधिग्रहण के लिए उनका दरवाजा खुला रहेगा क्योंकि कंपनी की नजर डिजिटल बैंकिंग लाइसेंस हासिल करने पर है।
इस अधिग्रहण से भारत में रिवॉल्ट की स्थिति मजबूत होगी और उसे अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे वह भारतीय ग्राहकों को पे्रषण एवं विदेशी मुद्रा विनिमय सेवाएं आसानी से उपलब्ध करा सकेगी। इससे उसे अपने प्रमुख कारोबार को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करने में भी मदद मिलेगी। अर्वोग की भारत में व्यापक मौजूदगी है और वह सीमापार पे्रषण सेवाओं के अलावा विदेशी मुद्रा विनियम सेवाएं भी उपलब्ध कराती है। देश में अर्वोग की 20 से अधिक शाखाएं हैं और पिछले साल उसने 15 लाख से अधिक लोगों को अपनी सेवाएं दी।
चटर्जी ने इस अधिग्रहण के बारे में कहा, ‘यह भारत की डिजिटल क्रांति में भाग लेने की ओर उठाया गया पहला कदम है। हमारी महत्त्वपूर्ण निवेश योजनाएं, यह अधिग्रहण और टीम की गुणवत्ता से कुल मिलाकर हमारी सेवाएं तेजी से शुरू होने की झलक मिलती है। भारत हमारे वैश्विक विस्तार योजना के लिए एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है और यह अधिग्रहण इस क्षेत्र में हमारे तेज कदमों का प्रमाण है।’
वैश्विक स्तर पर रिवॉल्ट के उपयोगकर्ताओं की संख्या 1.8 करोड़ है और उसका मूल्यांकन करीब 33 अरब डॉलर है। यह अधिग्रहण पिछले दो वर्षों के दौरान विभिन्न देशों में विस्तार संबंधी कंपनी की योजना का हिस्सा है। कंपनी ने पिछले दो वर्षों के दौरान ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, अमेरिका और जापान जैसे देशों में दस्तक दी है।
