मायटास इन्फ्रा और मायटास प्रॉपर्टीज के सौदे में हुई किरकिरी के बाद साख बचाने की कवायद के तहत सत्यम अपने शेयरधारकों को लाभांश के तौर पर तगड़ी रेवड़ी देने की तैयारी में है।
कंपनी के चेयरमैन रामलिंग राजू ने हालांकि सौदे को रद्द तो कर दिया था, लेकिन कंपनी की साख को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में निवेशकों को खुश करने और साख बचाने के लिए सत्यम कंप्यूटर्स की ओर से शेयरों की पुनर्खरीद के साथ-साथ लाभांश देने की भी कवायद चल रही है।
अगर लाभांश देने की योजना रंग लाई तो यह निवेशकों के लिए बेहतर मौका साबित होगा, वहीं शेयरधारकों के साथ-साथ बाजार में भी कंपनी की साख कुछ हद तक बढ़ सकती है।
कंपनी पहले ही इस बात की घोषणा कर चुकी है कि 29 दिसंबर को बोर्ड बैठक में शेयरों की पुनर्खरीद पर विचार किया जाना है।
हालांकि कंपनी की इस घोषणा को बाजार ने सकारात्मक नहीं लिया और बंबई स्टॉक एक्सचेंज में सत्यम का शेयर 4 फीसदी नीचे 162.80 रुपये पर बंद हुआ।
कंपनी के पास मौजूदा समय में करीब 5,500 करोड़ रुपये की नकदी है। लेकिन कंपनी की ओर से अब तक शेयरधारकों को कभी भी विशेष लाभांश नहीं दिया गया है।
वैसे, पिछले तीन वित्त वर्षों में कंपनी की ओर से खर्च की गई पूंजी पर करीब 175 फीसदी लाभांश वितरित किया गया है, जिसमें बोनस शेयर भी शामिल हैं।
जानकारों का कहना है कि अन्य आईटी कंपनियों इन्फोसिस और विप्रो की तुलना में सत्यम की ओर से काफी कम लाभांश दिया गया।
कंपनी के चेयरमैन बी. रामलिंग राजू ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी शेयरों की पुनर्खरीद और अधिकतम लाभांश देने की योजना पर विचार कर रही है।
अगर कंपनी की ओर से विशेष लाभांश दिया गया, तो सबसे ज्यादा फायदा संस्थागत निवेशकों को होगा, क्योंकि उनके पास कंपनी की करीब 47 फीसदी हिस्सेदारी है।
इसके बाद एडीआर होल्डर्स (19.4 फीसदी हिस्सेदारी) को लाभ होगा। बीमा कंपनियां (9 फीसदी), प्रवर्तकों (8.61 फीसदी) और म्युचुअल फंडों (5.68 फीसदी) को भी लाभांश मिलेगा।
इस बीच, कंपनियों की शिकायत मसले पर आरोप झेल रहे राजू ने कहा कि कंपनी शेयरधारकों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है, वहीं मंदी के इस दौर में राजस्व ने नए विकल्प भी तलाश रही है।
उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि मंदी से उबरने के बाद बुनियादी ढांचा क्षेत्र का तेजी से विकास हो सकता है।
ताकि बन जाए बिगड़ी बात
सत्यम की साख को बचाने के लिए शेयरधारकों को लाभांश देने की तैयारी
लाभांश का सबसे ज्यादा फायदा संस्थागत निवेशकों को मिलेगा