कोरियाई कार निर्माता कंपनी हुंडई मोटर्स लिमिटेड को भी मंदी से अब सिहरन होने लगी है। कंपनी बढ़ती लागत और घटती मांग के बीच अपने श्रमिकों पर गाज गिराने जा रही है।
कंपनी ने फिलहाल 2,000 अस्थायी श्रमिकों के साथ छंटनी की शुरुआत करने का फैसला किया है। कंपनी के कुल कामगारों में एक चौथाई अस्थायी हैं और पिछले कुछ महीनों के दौरान कारों की बिक्री घटने के कारण कंपनी को इन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ रहा है।
कंपनी के पास कुल 8,400 कर्मचारी हैं जिनमें से 3,300 ठेके पर काम करने वाले अस्थायी श्रमिक हैं। ऐसी संभावना है कि कंपनी अलग साल जनवरी से विभिन्न चरणों में इन श्रमिकों की छंटनी करेगी। अगर तब तक हालात में अभूतपूर्व तरीके से कोई बदलाव नहीं आता है तो ऑटो क्षेत्र में यह अब तक की सबसे बड़ी छंटनी होगी।
घटती बिक्री को ध्यान में रखते हुए ऑटो कंपनियां लगातार उत्पादन घटाती रही हैं। कंपनी के प्रवक्ता से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘अगर आर्थिक हालात नहीं सुधरते और मांग बेहतर नहीं होती है तो हमें काम के घंटे कम करने पड़ सकते हैं। साथ ही अगले साल उत्पादन भी घटाना पड़ सकता है।’
सूत्रों का कहना है कि हुंडई चेन्नई की दो इकाइयों में जनवरी से काम की पालियों को 5 से घटाकर 4 या फिर 3 भी कर सकती है। साथ ही कंपनी उत्पादन भी घटा सकती है।
कंपनी को यह कदम इसलिए उठाना पड़ सकता है क्योंकि ऐसे अनुमान व्यक्त किए जा रहे हैं कि भारतीय कंपनियों की ओर से निर्यात 2009 में 25 फीसदी घट सकता है। एचएमआईएल की कुल बिक्री में निर्यात की हिस्सेदारी 33 फीसदी की है।
कंपनी ने पहले अनुमान व्यक्त किया था कि वह 2009 में 2.5 लाख से अधिक कारों का निर्यात करेगी, पर अब कंपनी ने इस घटाते हुए 60,000 कर दिया है।
कंपनी के एक सूत्र ने बताया, ‘मोटे तौर पर हम हर पाली में 250 और एक दिन में करीब 1600 से 1800 कार बनाते हैं। हालांकि निर्यात में भारी गिरावट के अनुमान को देखते हुए और घरेलू बाजार में बिक्री घटने की आशंकाओं के बीच हमें उत्पादन के भावी आंकड़ों पर एक बार फिर सोचना है।’
सूत्रों ने बताया कि दिसंबर में निर्यात के आंकड़े तो ठीक ठाक थे, पर यह याद रखना चाहिए कि इनके लिए ऑर्डर तीन महीने पहले ही दिए जा चुके थे, जब मंदी का असर शुरू ही हुआ था।
सूत्र ने बताया, ‘हम पुराने ऑर्डर को ही पूरा कर रहे थे, जिन्हें हम दिसंबर के आखिर तक पूरा कर पाए हैं। पर जनवरी के लिए मांग काफी कम है।’
कंपनी को हालात बदतर होने का अंदेशा तब और पक्के तौर पर होने लगा जब नवंबर में घरेलू बाजार में कंपनी के कार की बिक्री भी 23.57 फीसदी घट गई।
कंपनी इस महीने महज 14,605 कारें ही बेच पाई। इस पूरे साल में पहली दफा कंपनी की बिक्री घटी है। हालांकि, आई10 की सवारी कर कंपनी ने अप्रैल से नवंबर के बीच अपनी बिक्री को खासा रफ्तार दे दिया था।
इस दौरान कंपनी की बिक्री में 19.52 फीसदी की इजाफा हुआ था और उसने कुल 1,61,493 कारें बेची थीं। कंपनी जनवरी के आस पास छोटी कारों के सेगमेंट में आई 20 लॉन्च करने की तैयारी में है, जिससे उसे काफी उम्मीदें हैं।