सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमईपीएल) को आज बड़ी राहत दी और दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया। डीएएमईपीएल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा 5,800 करोड़ रुपये चुकाने के फैसले को रद्द कर दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली डीएमआरसी की याचिका भी खारिज करर दी है। डीएएमईपीएल, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की विशेष उद्देश्य वाली कंपनी है, जिसके जरिये वर्ष 2008 में देश की पहली निजी सिटी रेल परियोजना 2038 तक चलाए जाने के लिए डीएमआरसी के साथ अनुबंध किया गया था।
वर्ष 2012 में शुल्कों और परिचालन को लेकर पैदा हुए मतभेद के बाद, आरइन्फ्रा ने राजधानी की हवाई अड्डïा मेट्रो परियोजना का परिचालन बंद कर दिया था और अनुबंध उल्लंघन का हवाला देते हुए दिल्ली मेट्रो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। केएस लीगल ऐंड एसोसिएट्स में मैनेजिंग पार्टनर सोनम चांदवानी ने कहा, ‘यह जीत अंबानी के लिए अच्छे समय पर आई है, क्योंकि उन्हें फिलहाल वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है और इस रकम का इस्तेमाल अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह के ऋणों के भुगतान में किया जा सकेगा।’
आरइन्फ्रा का समेकित कर्ज मार्च, 2021 तक 14,260 करोड़ रुपये है और स्टैंडएलॉन ऋण 3,808 करोड़ रुपये पर था।