रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के तेल एवं गैस कारोबार में उत्पादन बढऩे के साथ ही मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी के लिए यह एक उपयुक्त समय दिख रहा है। कृष्णा गोदावरी घाटी (केजी बेसिन) में आरआईएल-बीपी नियंत्रित धीरूभाई-6 (डी-6) ब्लॉक से उत्पादन में वृद्धि और देश में उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों में सरकार द्वारा बढ़ोतरी एक ही समय में हो रही है। इसका फायदा आरआईएल को अधिक राजस्व के रूप में मिलेगा।
केजी-डी6 बेसिन से उत्पादन में आरआईएल की हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के अंत में क्रमिक आधार पर 18.4 फीसदी बढ़कर 39.2 अरब घन फुट समतुल्य (बीसीएफई) हो गया। अप्रैल से जून तिमाही में कुल उत्पादन 33.1 बीसीएफई रहा था जबकि पिछले साल जुलाई से सितंबर तिमाही में कोई उत्पादन नहीं हुआ था।
आरआईएल ने एक प्रस्तुति में कहा, ‘केजी-डी6 ब्लॉक में आर-क्लस्टर एवं सैटेलाइट फील्ड्स में उत्पादन शुरू होने से तेल एवं गैस क्षेत्र की आय में सुधार होगा।’
नेल्प प्रणाली के तहत आवंटित इस परिसंपत्ति से उत्पादित गैस की कीमत मार्च 2016 में सरकार द्वारा मंजूर फॉर्मूले के तहत निर्धारित की गई है। केजी-डी6 परिसंपत्ति को गहरे समुद्र, अत्यधिक गहरा समुद्र और उच्च दबाव एवं उच्च तापमान (कुल मिलाकर कठिन खोज) श्रेणी में रखा गया है। इससे आरआईएल एवं बीपी को मार्केटिंग एवं मूल्य निर्धारण की आजादी है जो वैकल्पिक ईंधन के लैंडेड मूल्य पर आधारित है। लैंडेड मूल्य की गणना छह महीने में एक बार की जाती है और वह अगले छह महीने के लिए लागू होता है।
प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, अधिकतम मूल्य की गणना में इस्तेमाल किए जाने वाले डेटा डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट्स (एमएमबीटीयू) में होती है और उसमें चार तिमाहियों के आंकड़ों को शामिल किया जाता है। एक बीसीएफई एक एमएमबीटीयू के बराबर है।
इस मूल्य निर्धारण प्रणाली के तहत आरआईएल-बीपी को केजी-डी6 से उत्पादित प्राकृतिक गैस की बिक्री करने की अनुमति थी जो वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही (30 सितंबर 2021) तक अधिकतम 3.62 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू मूल्य तक हो सकती है। इस आय के बल पर वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में आरआईएल का तेल एवं गैस कारोबार से प्राप्त राजस्व क्रमिक आधार पर 28.3 फीसदी बढ़कर 1,644 करोड़ रुपये हो गया।
लेकिन साल के अंत तक आय मेंं कई गुना वृद्धि होने की उम्मीद है क्योंकि गैस की अधिसूचित अधिकतम कीमत 6.13 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू पर लगभग दोगुनी है। एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक सबरी हजारिका ने कहा, ‘कठिन खोज से उत्पादित गैस के लिए 7 से 8 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कीमत लाभकारी है। यह मूल्य स्तर 1 अप्रैल 2022 से 30 सितंबर 2022 की अवधि के लिए संशोधन के तहत हासिल होने की उम्मीद है।’
