रिलायंस कैपिटल के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब अनिल अंबानी समूह की कंपनियां समूह कंपनी के साथ वापसी करने की योजना बना रही है। इस योजना के तहत, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को अनिल अंबानी परिवार से 550 करोड़ रुपये की पूंजी हासिल हुई।
एक महीने पहले रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सूचीबद्घ सहायक इकाई रिलायंस पावर ने भी तरजीही शेयर जारी कर अपनी मूल कंपनी से कोष जुटाया, जिससे कंपनी में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की हिस्सेदारी में इजाफा हुआ।
समूह की दो अन्य कंपनियों रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस नवल ऐंड इंजीनियरिंग को आईबीसी, 2016 के तहत कर्ज समाधान के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) में भेजा गया है। जहां रिलायंस कम्युनिकेशंस के कर्ज समाधान में कानूनी अड़ंगेबाजी की वजह से विलंब हुआ है, वहीं ऋणदाता मौजूदा समय में रिलायंस नवल के बोलीदाताओं से प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं।
जुलाई में, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने घोषणा की थी कि वह अनिल अंबानी परिवार को तरजीही आधार पर प्रतिभूतियां जारी कर कोष जुटाएगी। उसकी हिस्सेदारी मौजूदा 5 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत हो गई। एक महीने पहले जून में रिलायंस पावर (रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक इकाई) ने घोषणा की थी कि वह अपनी पैतृक को तरजीही शेयर और वारंट जारी कर 1,325 करोड़ रुपये जुटाएगी। रिलायंस इन्फ्रा पर इस साल मार्च तक 14,000 करोड़ रुपये का कर्ज था, जबकि रिलायंस पावर पर 14,000 करोड़ रुपये का कर्ज था।
ताजा पूंजी निवेश के साथ, रिलायंस पावर में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य प्रवर्तक शेयरधारिता सितंबर अंत तक 9.06 प्रतिशत से बढ़कर 25 प्रतिशत हो गई। विद्युत सहायक इकाई में वारंट के तब्दील होने पर रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की हिस्सेदारी और बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई। रिलायंस पावर में रिलायंस इन्फ्रा की हिस्सेदारी ऋणदाताओं द्वारा गिरवी शेयरों को कब्जे में लिए जाने की वजह से घट गई थी।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अपना कर्ज घटाने के लिए कई कदम उठाए जिनमें 14 मार्च 2019 को डीए टोल रोड प्राइवेट लिमिटेड (डीएटीआर) में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री (3,600 करोड़ रुपये की उद्यम वैल्यू, क्यूब हाईवेज ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर 3 पीटीई लिमिटेड के लिए 1,700 करोड़ रुपये तक के निवेश या कर्ज समेत) भी शामिल है।
कंपनी ने पिछले साल 28 नवंबर को इंडिया ग्रिड ट्रस्ट को पार्बनी कोल्डम ट्रांसमिशन में अपनी पूरी 74 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी बेचने के लिए समझौता (900 करोड़ रुपये की उद्यम वैल्यू) किया था। वर्ष के दौरान कंपनी ने सांता क्रूज में अपना मुख्यालय भी येस बैंक को 1200 करोड़ रुपये में बेचा था।
