किसी रणनीतिक निवेशक को आकर्षित करने में हो रही देरी से अनिल अंबानी के नियंत्रण वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल की सहायक इकाई रिलायंस जनरल इंश्योरेंस (आरजीआईसीएल) के प्रोफाइल के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। हालांकि उसका ट्रैक रिकॉर्ड, अनुभवी प्रबंधन टीम और विविध उत्पाद पेशकश से उसे दम मिलेगा लेकिन मूल कंपनी का कमजोर क्रेडिट प्रोफाइल और तगड़ी प्रतिस्पर्धा से उसकी परेशानी कहीं अधिक बढ़ जाएगी।
ब्रिकवर्क रेटिंग ने नवंबर 2020 से ही कंपनी के ऋण को निगरानी पर रख दिया था। उसने कंपनी के अधीनस्थ ऋण पर नकारात्मक परिदृश्य दिया है। नकारात्मक परिदृश्य का मतलब साफ है कि उसका सॉल्वेंसी अनुपात न्यूनतम नियामकीय मानदंड अधिक है क्योंकि जरूरत पडऩे पर मूल कंपनी उसे वित्तीय मदद देने की स्थिति में नहीं है। ब्रिकवर्क के अनुसार, रिलायंस कैपिटल को ‘डी’ रेटिंग दी गई है। सॉल्वेंसी अनुपात किसी बीमाकर्ता द्वारा दावों के भुगतान में जोखिम को मापने का एक तरीका है। यह अनुपात किसी कंपनी की वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की क्षमता को दर्शाता है। कंपनी का सॉल्वेंसी अनुपात वित्त वर्ष 2021 में 1.65 गुना था जो वित्त वर्ष 2020 के 1.52 फीसदी से अधिक है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इस बीमा कंपनी ने कुल मिलाकर वित्तीय प्रदर्शन में लगातार सुधार दर्ज किया है। आरजीआईसीएल ने वित्त वर्ष 2021 में 727 करोड़ रुपये की आय दर्ज की जो वित्त वर्ष 2020 में 559 करोड़ रुपये रही थी। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2021 में उसका करोपरांत मुनाफा बढ़कर 208 करोड़ रुपये हो गया जो वित्त वर्ष 2021 में 259 करोड़ रुपये रहा था। बीमा कंपनी के पास पर्याप्त नकदी प्रवाह है। सितंबर 2021 के अनुसार उसके पास 169.97 करोड़ रुपये की नकदी एवं बैंक बैलेंस उपलब्ध था।
