आदित्य बिड़ला फैशन ऐंड रिटेल (एबीएफआरएल) ने भारत एवं आसियान क्षेत्र में रीबॉक ब्रांड के विशेष ऑनलाइन एवं ऑफलाइन अधिकारों के लिए अमेरिकी कंपनी ऑथेंटिक ब्रांड ग्रुप (एबीजी) के साथ एक समझौते की घोषणा की है। इस सौदे के साथ ही आदित्य बिड़ला फैशन ने स्पोट्र्स/ ऐक्टिववियर श्रेणी में दस्तक दी है। इस सौदे के तहत एबीएफआरएल इनवेंट्री एवं अन्य मौजूदा परिसंपत्तियों व देनदारियों के लिए एबीजी को 75 से 100 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।
फुटवियर श्रेणी में स्पोट्र्सवियर सबसे तेजी से उभरता हुआ सेगमेंट है जिसे पिछले कुछ वर्षों क दौरान वैश्विक महामारी के कारण काफी रफ्तार मिली है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इस श्रेणी की कुल बिक्री 10 अरब डॉलर यानी करीब 76,000 करोड़ रुपये रहने कपा अनुमान है जबकि सालाना 14 फीसदी की दर से बढ़त दर्ज करते हुए वित्त वर्ष 2024 तक इसे 14 अरब डॉलर यानी करीब 1.06 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों का मानना है कि यह सौदा मूल्य के लिहाज से काफी आकर्षक है क्योंकि एबीएफआरएल को कम एकमुश्त भुगतान के साथ एक दमदार और स्थापित ब्रांड हासिल हुआ है जिसकी पैठ काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि एबीएफआरएल ने हाल में जिन कंपनियों के साथ सौदे किए हैं उनके विपरीत रीबॉक एक स्थिर और लाभप्रद कारोबार है। साल 2019 में कंपनी ने जेपोरे, शांतनु ऐंड निखिर, सब्यसाची और तरुण तहिलियानी का अधिग्रहण किया था।
रीबॉक इंडिया की करीब 70 फीसदी बिक्री फुटवियर श्रेणी से आती है। वित्त वर्ष 2021 को छोड़कर उसका राजस्व हमेशा 400 करोड़ रुपये के आसपास रहा है। वित्त वर्ष 2021 में राजस्व 26 फीसदी घटकर 316 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2016 से 2020 की अवधि में उसके परिचालन मुनाफा मार्जिन में लगातार वृद्धि दर्ज की गई जो सर्वाधिक करीब 17 फीसदी रहा। हालांकि इस श्रेणी में काफी संभावनाएं मौजूद हैं लेकिन वृद्धि के मोर्चे पर रीबॉक अपने प्रतिस्पर्धियों से पिछड़ गई। वह भारत में मौजूद पांचवां सबसे बड़ा वैश्विक स्पोट्र्स वियर ब्रांड है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का मानना है कि इसकी मुख्य वजह एडिडास के मुकाबले इस पर कम ध्यान केंद्रित करना हो सकती है। एडिडास ने भारत में रीबॉक के मुकाबले 3 गुना वृद्धि दर्ज की है। रीबॉक ब्रांड के मालिक एडिडास एजी ने इसी साल अगस्त में 2.5 अरब डॉलर के एक सौदे के तहत उसे एबीजी को बेच दिया था। यह लेनदेन कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली तिमाही में पूरा होने की उम्मीद है।
एबीएफआरएल के शेयर को लेकर अधिकतर ब्रोकरेज का नजरिया सकारात्मक है। उनका मानना है कि विस्तार के मोर्चे पर आक्रामक रुख, वृद्धि में सुधार, राइट्स इश्यू के बाद ऋण बोझ में कमी और फ्लिपकार्ट को हिस्सेदारी बिक्री से कंपनी के मुनाफा एवं मार्जिन में तेजी आएगी। पिछले तीन महीनों के दौरान इस शेयर ने 29 फीसदी की बढ़त दर्ज की है और फिलहाल वह वित्त वर्ष 2024 के आय अनुमान के मुकाबले 85 गुना ऊपर कारोबार कर रहा है। गिरावट आने पर निवेश इसमें दांव लगाने पर विचार कर सकते हैं।
