वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वाहन बनाने वाली कंपनियों से दोपहिया और कारों की कीमतों में कमी करने को कहा, लेकिन कंपनियों ने मौजूदा आर्थिक संकट के मद्देनजर वाहनों की कीमत में किसी प्रकार की कटौती से इनकार कर दिया है।
कच्चे माल की ऊंची कीमतें, बढ़ती परिचालन लागत और पिछली तिमाही में मांग में कमी की वजह से त्योहारी मौसम में वाहन कंपनियों का कारोबार संतोषजनक नहीं रहा। इस वजह से कंपनियों का परिचालन लाभ घट गया।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम), बजाज ऑटो, हीरो होंडा और हुंडई मोटर्स जैसी वाहन कंपनियों ने साफ तौर पर कीमतों में कमी करने से इनकार कर दिया है।
एमऐंडएम के अध्यक्ष (ऑटोमोटिव क्षेत्र) पवन गोयनका ने कहा, ‘इस साल की अप्रैल-सितंबर की तिमाही में कच्चे माल की बढ़ी हुई कीमतों से कंपनी अभी भी जूझ रही है। मैं नहीं समझता कि अगर दाम कम कर दिए जाएं, तो लाभ बढ़ जाएगा। हम लोग अभी कीमतों में कटौती नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन अगर वित्त मंत्री अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में कटौती करें, तो वाहनों की कीमतों में कटौती की जा सकती है।’
कार और दुपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों की राय में वाहन की कीमतों में मामूली इजाफे के मुकाबले वित्त की कमी और बैंकाें की ओर से दिए जाने वाले कर्ज में कमी की वजह से बिक्री पर ज्यादा असर पड़ा है।
हुंडई मोटर्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (मार्केटिंग एवं बिक्री) अरविंद सक्सेना ने कहा, ‘वाहन बाजार में वित्त की उपलब्धता काफी महत्वपूर्ण होती है। कार खरीदारों को बैंक कर्ज मुहैया नहीं करा रहे हैं और जिससे बिक्री पर असर पड़ा है। अगर उत्पाद शुल्क में कटौती की जाती है, तो हम लोग वाहनों की कीमत जरूर कम करेंगे।’
इसी तरह मोटरसाइकिल बनाने वाली देश की दो सबसे बड़ी कंपनियां हीरो होंडा और बजाज ऑटो भी इस हालात में दाम कम करने से कतरा रही हैं। हीरो होंडा के मुख्य कार्यकारी एवं प्रबंध निदेशक पवन मुंजाल ने कहा, ‘ हम वित्त मंत्री की चिंता को बांटना चाहते हैं और चाहते हैं कि दुपहिया वाहन के बाजार में विकास बरकरार रहे।
दुपहिया वाहन का बाजार अधिक ब्याज दरों और बाजार में ऋण की कमी की समस्या से हलकान है। वित्तीय संस्थान कर्ज देने से मुंह मोड़ रहे हैं, जिस वजह से स्थिति और भयानक हो गई है। कुछ चीजों की कीमतों में हाल में कमी की गई है और उसके प्रभाव को देखना अभी बाकी है।
सरकार को चाहिए कि ब्याज दरों को कम करके और खुदरा बिक्री के लिए वित्त मुहैया करा दोपहिया वाहन बाजार की रफ्तार लौटाई जाए। अभी के हालात में वाहनों की कीमतों में कमी करना उचित नहीं है।’