वैश्विक वित्तीय संकट से दिग्गज उद्योगपतियों की संपत्ति में भी सेंध लगी है।
फोर्ब्स एशिया के मुताबिक, शेयर बाजार और परिसंपत्तियों की मूल्य में आई गिरावट से भारत के दो दिग्गज उद्योगपति-मुकेश अंबानी और लक्ष्मी मित्तल के नेतृत्व में भारतीय उद्योगपतियों को करीब 200 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
फोर्ब्स के मुताबिक, भारत के 40 धनी कारोबारियों की कुल संपत्ति में करीब 60 फीसदी की गिरावट आई है। फोर्ब्स की एक अरब डॉलर की सूची में पिछले साल जहां 54 भारतीय अमीर शामिल थे, वहीं इस बार उनकी संख्या घटकर 27 रह गई है।
दरअसल, इसकी वजह शेयर बाजार में आई तीव्र गिरावट और मुनाफे में लगी सेंध हैं। इस साल सेंसेक्स करीब 53 फीसदी लुढ़क चुका है, जिसने कई अमीरों की पूंजी सूखा दी है। फोर्ब्स की 40 भारतीय धनवानों की सूची पिछले साल के 14 अमीर जगह नहीं बना पाए।
अनिल अंबानी को भी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा और अपनी विस्तार योजनाओं को पूरा करने में मुश्किल का सामना कर रहे हैं। हालांकि अनिल अंबानी इस सूची में तीसरे स्थान पर काबिज हैं, जिनकी पास 12.5 अरब डॉलर की संपत्ति है।
मंदी का सबसे ज्यादा असर रियल्टी क्षेत्र पर पड़ा है। डीएलएफ के 77 वर्षीय कुशल पाल सिंह की संपत्ति में करीब 77 फीसदी की गिरावट आई है और ये धनवानों की सूची में चौथे पायदान से खिसक कर पांचवे स्थान पर पहुंच गए हैं।
दूरसंचार क्षेत्र के प्रमुख उद्योपति सुनील मित्तल 7.9 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ चौथे स्थान पर हैं। भारत की दूसरी सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी यूनिटेक के रमेश चंद्रा की कुल संपत्ति में करीब 90 फीसदी की गिरावट आई है।
रुइया बंधु 7.6 अरब डॉलर के साथ छठे स्थान पर हैं, जबकि विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी 7 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ सातवें स्थान पर हैं। मालविंदर और शिविंदर सिंह की कुल संपत्ति में 55 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ, जिससे उन्होंने सूची में 13वां स्थान प्राप्त हुआ। हिस्सेदारी दाइची-सैंक्यो को बेचने के बाद उनकी संयुक्त संपत्ति 2.8 अरब डॉलर हो गई है।
मुकेश बने नंबर-1
नुकसान की वजह से फोर्ब्स की भारतीय धनवानों की सूची में 58 वर्षीय मित्तल पहले स्थान से खिसक कर दूसरे नबंर पर पहुंच गए हैं। उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी ने पछाड़ा। मित्तल को अपना उत्पादन घटाने से करीब 30.5 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है।