सीमेंट उद्योग का मंदी के बीच बुरा हाल है। इस साल के पहले सात महीनों में सीमेंट उद्योग की बिक्री में इजाफे का आंकड़ा पिछले चार साल में सबसे कम रहा है।
वर्ष 2008 में अप्रैल से अक्टूबर अवधि में बिक्री में इजाफा 6.27 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 8.7 प्रतिशत था। वित्त वर्र्ष 2005 की समान अवधि यह आंकड़ा 7.94 प्रतिशत था।
मौजूदा समय में बुनियादी ढांचों और आवासीय क्षेत्र में चल रही मंदी का असर सीमेंट उद्योग पर भी देखने को मिला है, जो वित्त वर्ष 2009 तक 3 करोड़ टन की नई क्षमताओं को भी शामिल करने वाला है।
सीमेंट निर्माताओं के संघ के ताजातरीन आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर तक बिक्री 10.02 करोड़ टन है, जबकि पिछले वर्ष में अक्टूबर तक बिक्री 9.43 करोड़ टन थी। उदाहरण के लिए इस साल अक्टूबर में इस साल उद्योग ने उत्पादन और बिक्री में लगभग 5 लाख टन का अंतर देखा है।
उद्योग जगत के विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले पांच सालों में यह अभी तक का सबसे बड़ा अंतर देखा गया है। कुल स्टॉक का स्तर बढ़कर 16.4 लाख टन हो गया है, जो खुद काफी बड़ा आंकड़ा है।
एक विशेषज्ञ के मुताबिक, ‘अगर अगले एक या दो महीनों तक सीमेंट उपभोग और बिक्री के बीच का यह अंतर ऐसा ही रहा और कंपनियों के पास स्टॉक 25 लाख टन के पार हो गया तो ऑटो उद्योग की ही तर्ज पर सीमेंट निर्माता कंपनियों को भी उत्पादन में कटौती की पहल करनी पड़ सकती है।’
अभी तक तो उद्योग में किसी ने भी उत्पादन कम करने की पहल नहीं की है, लेकिन संयंत्रों का इस्तेमाल जरूर इस साल सितंबर तिमाही में घटकर 82 प्रतिशत हो गया है, जो चार साल में अब तक सबसे कम है।