छंटनी की मार अब दूरसंचार क्षेत्र में भी पहुंच गई है। ब्रिटेन की सबसे बड़ी फोन कंपनी बीटी ग्रुप ने मार्च 2009 तक अपने कर्मचारियों की संख्या में तकरीबन 6 फीसद की कटौती करने का ऐलान कर दिया है।
दूसरी तिमाही में मुनाफा उम्मीद से कम होने के बाद कंपनी ने यह फैसला किया है। वित्तीय क्षेत्र, वाहन क्षेत्र, इस्पात के कारोबार और विमानन कंपनियों में छंटनी के ऐलान तो पहले से ही हो रे थे, लेकिन दूरसंचार में भी इतनी बड़ी छंटनी का अंदेशा किसी को नहीं था। माना जा रहा है कि बीटी के इस ऐलान ने दूरसंचार के क्षेत्र में भी छंटनी का दौर शुरू कर दिया है।
बीटी के मुख्य कार्यकारी इयान लिविंगस्टॉन ने कहा कि तकरीबन 10,000 कर्मचारियों को हटाया जाएगा। कंपनी के दुनिया भर के कारोबार में फिलहाल तकरीबन 160,000 लोग काम कर रहे हैं। फौरी तौर पर जो कटौती की जा रही है, उसकी मार मुख्य तौर पर परोक्ष कर्मचारियों पर पड़ेगी। इसका मतलब है कि कंपनी एजेंसी, काँट्रैक्टर, सबकाँट्रैक्टर और विदेश में काम करने वाले लोगों को हटाएगी।
भारत पर असर
बीटी के इस कदम का भारत पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। दरअसल विदेशों में होने वाले कंपनी के कामकाज का बड़ा हिस्सा टेक महिंद्रा के पास है, जो दूरसंचार क्षेत्र में आईटी सॉल्यूशन प्रदान करने वाली नामी कंपनी है। टेक महिंद्रा भारतीय उद्योग समूह महिंद्रा ग्रुप का हिस्सा है।बीपीओ क्षेत्र की भारतीय कंपनी है।
बीटी ने बताया है कि 10,000 लोगों में से 4,000 की छंटनी पहले ही की जा चुकी है। उसने कहा कि कारोबार में इजाफे के जरिये ही मंदी से निपटने की उसे उम्मीद है।छंटनी की इस योजना की मूल वजह कंपनी की कमाई में आ रही गिरावट है।
बीटी ने दो हफ्ते पहले ही कहा था कि उसकी ग्लोबल सर्विसेज इकाई का प्रदर्शन खराब रहने की वजह से उसकी कमाई उम्मीद से काफी कम रह सकती है। दरअसल इस इकाई में लागत कम करने के उपाय लागू नहीं हो सके थे।
कंपनी की ईबीआईटीडीए के आंकड़े भी उसकी उम्मीद पर खरे नहीं उतर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान कंपनी की ईबीआईटीडीए अनुमान से 1 फीसद कम रही। कंपनी के लिए यह आंकड़ा महज 221 करोड़ डॉलर रहा।
मुनाफे में कमी के अंदेशों से निवेशक भी परेशान रहे और इसी वजह से कंपनी के शेयर भी पिछले कुछेक दिनों में लुढ़क गए।
पर उम्मीद तो कायम
लेकिन कमाई में कमी आने के बावजूद लिविंगस्टॉन को हालात काबू में आने की पूरी उम्मीद है। उन्हें लगता है कि कंपनी मंदी के इस झंझावात से आराम से उबर जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस पूरे साल में बीटी समूह के राजस्व में लगातार इजाफा होता रहेगा। लेकिन बीटी ग्लोबल सर्विसेज की ओर से हमें मिलने वाला मुनाफा कम होने की वजह से हमारी कमाई में चालू वित्त वर्ष के दौरान कुछ कमी आने का अंदेशा तो बना हुआ है।’
बीटी के बहीखाते फिलहाल मजबूत हैं।?उसके पास लगभग 36.9 करोड़ पाउंड की नकदी आई है। पिछले साल के मुकाबले यह लगभग 19.8 करोड़ पाउंड ज्यादा है।