कोरोनोवायरस वैश्विक महामारी के कारण फूड टेक्नोलॉजी कंपनी रेबल फूड्स की सेवाओं को रफ्तार मिली है क्योंकि वैश्विक महामारी संबंधी पाबंदियों के कारण घर पर ही रहना पसंद कर रहे हैं। यही कारण है कि मुंबई की इस कंपनी ने अब अपने कारोबार का विस्तार करने और वैश्विक स्तर पर अपना एक वर्चुअल रेस्तरां ब्रांड तैयार करने की योजना बना रही है।
फासोस और बेहरोज बिरयानी जैसे ब्रांड के लिए चर्चित यह कंपनी पश्चिम एशिया जैसे वैश्विक बाजारों में विस्तार पर एक बड़ा दांव लगा रही है। इसके तहत कंपनी खास तौर पर सउदी अरब, लैटिन अमेरिका, रूस और यूरोप में अपने कारोबार के विस्तार की योजना बना रही है। सिकोया के निवेश वाली रेबल फूड्स ऑनलाइन रेस्तरां का परिचालन करने वाली दुनिया का सबसे बड़ा ऑपरेटर है। कंपनी भारत, यूएसई, दक्षिण पूर्व एशिया और ब्रिटेन में 300 से अधिक क्लाड किचन का संचालन करती है।
रेबल फूड्स के सह-संस्थापक कल्लोल बनर्जी ने कहा, ‘वर्ष 2020 तक क्लाउड किचन मॉडल और डिजिटल ब्रांड निर्माण एवं इंटरनेट रेस्तरां के लिए काफी अनुकूल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हम विभिन्न देशों में काम करने के लिए दुनिया भर में बातचीत कर रहे हैं। अचानक यह मॉडल काफी लोकप्रिय हो गया क्योंकि लोग रेस्तरां में नहीं जा सकते थे। यह हमारे लिए एक उल्लेखनीय पड़ाव है क्योंकि क्लाउड किचन में ऑपरेटरों और निवेशकों दोनों की दिलचस्पी फिलहाल सर्वकालिक ऊंचाई पर है।’
रेबल फूड्स ने गोल्डमैन सैक्स, सिकोया, कोट्यू मैनेजमेंट और इंडोनेशियाई राइड-हेलिंग कंपनी गो-जेक सहित तमाम निवेशकों से कुल 34.23 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है। कंपनी अब अपने मौजूदा और नए निवेशकों से रकम जुटाने के लिए बातचीत कर रही है ताकि वैश्विक स्तर पर विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाया जा सके। सूत्रों के अनुसार, इससे कंपनी को यूनिकॉर्न यानी एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाला स्टार्टअप बनने में भी मदद मिलेगी।
पिछले साल की शुरुआत में कोविड-19 के प्रकोप के कारण रेबल फूड्स के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। लेकिन धीरे-धीरे उसमें सुधार हुआ और अब उसका कारोबार कोविड पूर्व स्तर पर पहुंच चुका है।
ईवाई इंडिया के पार्टनर एवं नैशनल लीडर (ई-कॉमर्स एवं उपभोक्ता इंटरनेट) अंकुर पाहवा ने कहा, ‘क्लाउड किचन मॉडल तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। इसमें काफी अवसर मौजूद हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने भारत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर देखा है कि रेस्तरां में ग्राहकों की आवक सीमित हो गई है। ऐसे में क्लाउड किचन ग्राहकों तक पहुंचने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे हैं।’
रेबल फूड्स ने अब मलेशिया, सिंगापुर और बांग्लादेश में अपने दो ब्रांड लॉन्च किए हैं। इन ब्रांडों को स्थानीय स्वाद एवं प्राथमिकताओं के अनुकूल तैयार किया गया था और अब थोड़े समय में ही उल्लेखनीय परिणाम दिखने लगे हैं। कंपनी की योजना वियतनाम, थाईलैंड, कंबोडिया और श्रीलंका जैसे एशिया प्रशांत के देशों में भी कारोबार शुरू करने की है। इंडोनेशिया में कंपनी ने इस साल अपने किचन को दोगुना करते हुए 75 करने की योजना बनाई है।
रेबल फूड्स फ्रैंचाइजी मॉडल के जरिये भी अपने कारोबार का दायरा बढ़ा रही है। दिसंबर 2020 में उसने अमेरिका की फास्ट फूड रेस्तरां शृंखला वेंडीज कंपनी के साथ रणनीतिक साझेदारी की है। वैश्विक स्तर पर रेबल फूड्स फ्रांस में टस्टर, जर्मनी में केट्ज, उबर के सह-संस्थापक ट्रैविस कलानिक के स्टार्टअप सिटी स्टोरेज सिस्टम्स और लंदन की कर्मा किचन के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। इसके अलावा डोरडैश, उबर ईट्स, डेलीवरू और स्विगी जैसी फूड डिलिवरी कंपनियों ने भी क्लाउड किचन क्षेत्र में दस्तक दी है।
भारत में रेबल फूड्स मुख्य तौर पर ओला फूड्स के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है जो सॉफ्टबैंक के निवेश वाली राइड-हेलिंग फर्म ओला की फूड कारोबार इकाई है।
