दो फ्लैट्स की बिक्री कराने पर बिल्डर्स ब्रोकर को 2 फीसदी के तय कमीशन की जगह र्ढाई फीसदी कमीशन देने को तैयार।
मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट उद्योग को अब बिक्री बढ़ाने के लिए ब्रोकरों की मदद लेनी पड़ रही है। मुंबई के बोरीवली में एक प्रॉपर्टी ब्रोकर टोनी फर्नानडीज (बदला हुआ नाम) दुख के साथ यह किस्सा याद करते हैं।
दो साल पहले जब वह एक रिटायर्ड आदमी को एक फ्लैट बेच रहे थे तो कुछ कागजी कार्यवाही के कारण भुगतान में देरी हुई थी। जिसकी वजह से खरीदार को उस बिल्डर को कुछ ब्याज देना पड़ा था। जब कुल भुगतान की बारी आई तो सब कुछ होने के बाद भी खरीदार के पास 5,000 रुपये कम पड़ रहे थे। जब उसने बिल्डर से पूरा भुगतान करने के लिए कुछ समय मांगा तो बिल्डर ने उसे धोखेबाज तक कह डाला था।
फर्नानडीज ने कहा, ‘आज वही बिल्डर मुझे रोज फोन कर यह पूछता है कि उसके नए फ्लैट का कोई खरीदार है क्या? एक साल पहले तक बिल्डर्स हमें फोन करने की जहमत भी नहीं उठाते थे और हमें मामूली सा कमीशन देते थे। लेकिन आज बिल्डर्स हमें 2 फीसदी के भी ऊपर 0.5 फीसदी कमीशन और देने को तैयार हैं अगर हम दो उनके दो फ्लैट बिकवा दे।
लेकिन इन सबके बाद भी बिक्री में कोई इजाफा नहीं हुआ है। पहले फर्नानडीज महीने में लगभग दो फ्लैट औसतन बेच देते थे। लेकिन पिछले तीन महीनों से उन्होंने एक भी फ्लैट नहीं बेचा है। फर्नानडीज ने कहा, ‘खरीदार आते हैं, फ्लैट देखते हैं , दाम को लेकर भी हमारे साथ कुछ मोल भाव करते हैं लेकिन फिर दोबारा नहीं आते और ना ही फोन करते हैं।’कुछ ऐसे ही हालात थाणे के ब्रोकरों के भी हैं।
एक ब्रोकर ने बताया, ‘पहले बिल्डर्स हमें फ्लैट बेचने पर कुछ भी कमीशन नहीं देते थे। हमें जो भी कमीशन मिलता था वो खरीदार की तरफ से ही मिलता था। लेकिन अब बड़े बिल्डर्स भी हमें 1.5-2.0 फीसद कमीशन देने के लिए तैयार हैं।’
यह हाल सिर्फ बोरीवली और थाणे का ही नहीं है बल्कि पूरी मुंबई का यही हाल है। बांद्रा और खार जैसे पॉश इलाकों में तो ब्रोकरों का कमीशन 4 फीसदी तक कर दिया गया है। बांद्रा के एक ब्रोकर ने कहा, ‘अगर हम कोई संभावित ग्राहक लेकर जाते हैं तो बिल्डर्स हमें तुरंत फोन करते हैं।’
प्रॉपर्टी बेचने की जल्दबाजी साफ दिखाई दे रही है। ब्रोकरों ने बताया कि खार के इलाके का एक बड़ा बिल्डर अब इनका कमीशन बढ़ाकर 1 से 2 फीसदी करने की पेशकश की है।बिल्डर ब्रोकरों को 500-700 रुपये प्रति वर्ग फीट तक कमीशन देने को तैयार हैं।
बदले में बड़े ब्रोकर छोटे ब्रोकरों को फ्लैट बेचने के लिए कमीशन देते हैं।इसका मुख्य कारण है कि बिल्डर्स के पास पूंजी की कमी है। कई बिल्डर्स तो लिए गए ऋण पर 30 फीसदी की दर से ब्याज चुका रहे हैं। बैंक लोन देने के लिए तैयार नहीं हैं और बिक्री हो नहीं रही है। ऐसे में अब बिल्डर्स बिक्री बढ़ाने के लिए ब्रोकरों को मोटा कमीशन देने को भी तैयार हैं।
प्रॉपर्टी विश्लेषकों के अनुसार बिक्री बढ़ाने के लिए यह बिल्डरों का आखिरी दांव हैं। यहां तक कि पिछली दीवाली पर भी बिक्री 30-40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। ऐसे में अगर एक और बुरा सीजन आता है, तो उसका मतलब है कि कई बिल्डरों पर आर्थिक संकट का पहाड़ टूट पड़ेगा।