दिवालिया फर्म रिलायंस कैपिटल की बिक्री प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए लेनदारों ने रिलायंस कॉमर्शियल फाइनैंस और रिलायंस हाउसिंग फाइनैंस की अलग समाधान प्रक्रिया के लिए उसे एक ट्रस्ट के तहत कर दिया है। इनकी बिक्री से मिलने वाली राशि भविष्य में रिलायंस कैपिटल के लेनदारों को सीधे मिलेगी, जो अभी दिवालिया प्रक्रिया का सामना कर रही है।
परिसंपत्ति बिक्री समिति का गठन इन दोनों कंपनियों की बिक्री के लिए की जाएगी और इनमें सीओसी के तीन सदस्य, प्रशासक और डेलॉयट के प्रतिनिधि होंगे। बोलीदाताओं से कहा गया है कि हाउसिंग फाइनैंस व एनबीएफसी इकाई की समाधान प्रक्रिया के क्रियान्वयन में देरी पर परिसंपत्ति बिक्री समिति के साथ मिलकर ट्रस्टी अगले एक साल या समिति की तरफ से तय अवधि में वैकल्पिक बिक्री प्रक्रिया पर फैसला लेंगे।
इन दोनों इकाइयों आरसीएफ व आरएचएफ का संयुक्त कर्ज करीब 25,000 करोड़ रुपये है और ट्रस्ट का प्रस्तावित ढांचा सुनिश्चित करेगा कि आरकैप के बोलीदाताओं को इस कर्ज से न जूझना पड़े। एलआईसी समेत कई लेनदारों ने रिलायंस कैपिटल के खिलाफ 25,333 करोड़ रुपये का कुल दावा ठोका है।
जुलाई 2021 में लेनदारों ने मुंबई की फर्म ऑथम इन्वेस्टमेंट को आरसीएफ व आरएचएफ की कामयाब बोलीदाता के तौर पर चुना था और उनकी बोली क्रमश: 1,600 करोड़ रुपये व 2,911 करोड़ रुपये की थी। लेकिन जब आरबीआई ने पिछले साल दिसंबर में मूल कंपनी रिलायंस कैपिटल को दिवालिया अदालत भेजा तो पूरी प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई, जिसकी निगरानी आरबीआई की तरफ से नियुक्त प्रशासक और एनसीएलटी कर रहे हैं।
प्रशासक की तरफ से अभिरुचि पत्र मांगे जाने के बाद 54 कंपनियों ने ईओआई जमा कराई। लेकिन इसमें से दो पीरामल समूह और येस बैंक ही अब सीओसी के साथ सक्रियता से जुड़े हुए हैं जबकि बाकी फर्मों की कोई दिलचस्पी नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, समाधान योजना को लेकर कमजोर प्रतिक्रिया ने सीओसी को पिछले कुछ महीनों में चार बार वित्तीय बोली की तारीख बढ़ाने को बाध्य होना पड़ा। अब योजना जमा कराने की नई तारीख 10 अगस्त है।
आरकैप की समाधान योजना को शुरू से ही नियामकीय अवरोध का सामना करना पड़ा है। अलग-अलग बोलीदाताओं की तरफ से कंसोर्टियम के गठन की पूर्व शर्त और सभी बोली नकद लगाने की पूर्व शर्त ने ज्यादातर बोलीदाताओं को दूर कर दिया।
वास्तव मे लेनदारों में से एक एलआईसी को परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनियों के बीच रिलायंस कैपिटल के 3,400 करोड़ रुपये के बॉन्ड का खरीदार नहीं मिल रहा है। इसके लिए अभिरुचि पत्र जमा कराने की तारीख खत्म हो गई। एक सूत्र ने कहा, आईडीबीआई कैपिटल को इस बॉन्ड बिक्री का काम सौंपा गया है और वह इसकी समयसीमा 22 जुलाई करेगा। ये बॉन्ड 70 फीसदी छूट पर ट्रेड कर रहे हैं।
