कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक के विनिर्माण साझेदार अहमदाबाद की कंपनी हेस्टर बायोसाइंसेज मई में इस टीके के लिए कच्चे माल का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करेगी। इस मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि मुंबई की कंपनी हैफकिन बायो फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन और भारत इम्यूनोलॉजिकल ऐंड बायोलॉजिकल्स कॉरपोरेशन (बीआईबीसीओएल) जैसी अन्य साझेदार कंपनियां इस साल की दूसरी छमाही तक ही उत्पादन शुरू कर पाएंगी।
भारत बायोटेक ने अप्रैल में 8 करोड़ कोवैक्सीन खुराक की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने खुद सालाना 1 अरब खुराक तैयार करने की योजना बनाई है। शेष 32 से 32.5 करोड़ खुराक के लिए कच्चे माल की आपूर्ति तीन विनिर्माण साझेदारों- हेस्टर, हैफकिन और बीआईबीसीओएल- से होने की उम्मीद है।
हेस्टर बायोसाइंसेज के सीईओ राजीव गांधी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि उन्होंने परीक्षण के तौर पर अप्रैल में कोवैक्सीन के कच्चे माल का उत्पादन शुरू करने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक उत्पादन मई से शुरू किया जाएगा। हेस्टर अपने मेहसाणाा संयंत्र में जैवसुरक्षा स्तर 3 (बीएसएल-3) सुविधा सुनिश्चित करने में लगी है। कंपनी ने करीब 70 लाख कोवैक्सीन खुराक के लिए हर महीने कच्चा माल तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
गांधी ने कहा, ‘कुछ महत्त्वपूर्ण मशीनरी के आयात में समय लग रहा है। यही कारण है कि हम अप्रैल तक परीक्षण के तौर पर उत्पादन शुरू होने की उम्मीद कर रहे हैं। बीएसएल-3 संयंत्र के लिए मशीनरी काफी महत्त्वपूर्ण हैं। खतननाक एवं संभावित घातक रोगजनकों को संभालने संबंधी जैव सुरक्षा स्तर अथवा बीएसएल के लिहाज से प्रयोगशालाओं को चार स्तरों में वर्गीकृत किया गया है जो बीएसएल-1 से लेकर बीएसएल-4 तक हैं।’
हेस्टर कोवैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति भारत बायोटेक को करेगी जो उसे तैयार वैक्सीन के रूप में बाजार को भेजेगी। हैदराबाद की टीका विनिर्माता इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल) भी भारत बायोटेक को पिछले साल से ही कोवैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति कर रही है।
कंपनी पिछले साल मई में गठित गुजरात कोविड वैक्सीन कंसोर्टियम (जीसीवीसी) का हिस्सा है। गुजरात सरकार इस त्रिपक्षीय कंसोर्टियम का प्रमुख भागीदार है। इसकी स्थापना भारत बायोटेक से प्रौद्योगिकी के जरिये कोविड टीके के उत्पादन संबंधी संभावनाओं का पता लगाने के लिए की गई थी।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि हैफकिन भी अपने बीएसएल-3 संयंत्र में कामकाज शुरू करने की प्रक्रिया में है। कंपनी का मानना है कि इसे पूरा होने में सात महीने लगेंगे। हैफकिन महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है जो कोवैक्सीन के लिए कच्चा माल तैयार करती है।
इस बाबत जानकारी के लिए हैफकिन के एमडी संदीप राठौड़ से तत्काल संपर्क नहीं हो सका।
