बीएस बातचीत
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (टीसीपीएल) पिछले कुछ वर्षों के दौरान टाटा समूह के विभिन्न उपभोक्ता ब्रांडों को एक छत के नीचे
लाई है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुनील डिसूजा ने दीपशेखर चौधरी से बातचीत में कंपनी की ई-कॉमर्स रणनीति, कारोबार पर मुद्रास्फीति के दबाव, आउट-ऑफ-होम ब्रांड्स के विस्तार आदि विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
टाटा के कई ब्रांड को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के पोर्टफोलियो में शामिल करते हुए सुदृढीकरण अभी बाकी है?
टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को स्थापित करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि हमारे पास एक ऐसी कंपनी हो जिसके पास पूरा एंड-टु-एंड एफएमसीजी डीएनए हो। इसलिए टाटा केमिकल्स से टाटा कंज्यूमर बिजनेस को अलग करने के बाद उसे टाटा ग्लोबल बेवरिजेस में शामिल किया गया और इस प्रकार एक नई कंपनी बनाई गई। उसके बाद नॉरिशको कारोबार के संदर्भ में उसका पोर्टफोलियो अब भी अधूरा था जहां 50 फीसदी हिस्सेदारी पेप्सिको की थी। इसलिए हमने उसे खरीदा और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में शामिल किया। हाल में हमने टाटा स्मार्ट फूड्स को खरीदा है जिसे टाटा इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने तैयार किया था। हमारा उद्देश्य टाटा समूह के सभी उपभोक्ता ब्रांड को टीसीपीएल तहत लाना है। मैं समझता हूं कि टाटा स्मार्ट फूड्स उस कड़ी का अंतिम हिस्सा है।
दूसरी तिमाही के दौरान आपके ई-कॉमर्स कारोबार में सालाना आधार पर 39 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। आगे आपकी नजर किस प्रकार की वृृद्धि पर होगी?
बुनियादी तौर पर ई-कॉमर्स एक चैनल के लिहाज से वृद्धि के लिए बिल्कुल दुरुस्त है। वैश्विक महामारी के कारण डिजिटल चैनल में तेजी से विस्तार हुआ है और आगे वह रफ्तार ढीली पड़ सकती है। ई-कॉमर्स चैनल के जरिये बिक्री में वृद्धि की रफ्तार वैश्विक महामारी से पहले 2.5 फीसदी थी जो बढ़कर अब 7 फीसदी हो चुकी है। हो सकता है कि आगे चलकर यह दो अंकों में दिखे। वहां पहुंचने के लिए हमें तीन मार्गों से मदद मिलेगी। पहला, एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, ग्रोफर्स, बिगबास्केट आदि बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों की भूमिका सबसे अधिक होगी। दूसरा, डी2सी जो प्रीमियम एवं अधिक मार्जिन वाले ब्रांड से संबंधित है। तीसरा, हम अपने सभी उत्पादों के लिए टीसीपीएल स्टोर खोलने जा रहे हैं जिसे टाटा न्यूट्री कॉर्नर नाम दिया गया है।
शहरी बाजार पर केंद्रित डी2सी ब्रांड फूड ऐंड बेवरिजेस श्रेणी में ऊपर उठ रहे हैं। ऐसे में क्या आप इस श्रेणी में अधिग्रहण की योजना बना रहे हैं?
मैं अधिग्रहण पर विचार करूंगा यदि ब्रांड में अपनी श्रेणी की विशेषज्ञता हो अथवा उसके पास उल्लेखनीय प्रौद्योगिकी या कोई खास उत्पाद अथवा दमदार टीम हो जो उस कारोबार को चलाने में माहिर हो। यदि किसी ब्रांड में इनमें से कई विशेषताएं हों तो उस पर विचार न करने का कोई कारण नहीं दिखता है।
एफएमसीजी उद्योग उच्च मुद्रास्फीति से प्रभावित है। क्या पिछले एक साल के दौरान चाय की कीमतों में तेजी के कारण आपको नुकसान उठाना पड़ा है?
हमारे पास दो बड़े कारोबार- चाय और नमक- हैं। हमें उनमें बिल्कुल विपरीत रुझान दिख रहा है। सितंबर तिमाही के दौरान चाय की कीमतों में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 70 फीसदी की वृद्धि हुई थी लेकिन पिछले दो महीनों से उसमें स्थिरता दिख रही है। फिलहाल वह 2020 के स्तर से नीचे लेकिन 2019 के स्तर से ऊपर है। फूड कारोबार में स्थिति अलग है क्योंकि यह एक ऐसा कारोबार है जो माल भाड़े पर अधिक निर्भर है। ईंधन की कीमत अब कारोबार को प्रभावित करने लगी है। नमक बनाने के लिए हमें काफी ऊर्जा की जरूरत होती है और इसलिए हमें उसका झटका लगने लगा है।
शहरों में स्थिति तेजी से सुधर रही
है। ऐसे में क्या आप आउट-ऑफ-होम ब्रांड में विस्तार की योजना बना रहे हैं?
पिछले साल हमने 45 से 50 स्टारबक्स स्टोर खोले क्योंकि हमें उस ब्रांड को लेकर कोई शंका नहीं थी। पहली तिमाही में कोविड लॉकडाउन के कारण विस्तार की रफ्तार सुस्त पड़ गई थी लेकिन सितंबर तिमाही में हमने 14 स्टोर खोले। चाहे भौगोलिक विस्तार हो अथवा छोटे स्टोर वाले नए फॉर्मेट, हमें लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। मैंने सुना है कि अधिकतर बड़ी कंपनियां फिलहाल सहज स्थिति में नहीं हैं और इससे हमें विस्तार का अवसर मिलता है।