बी.रामलिंगराजू को अब सबूत नष्ट करने के गंभीर आरोप का भी सामना करना पड़ सकता है।
सीबीआई का कहना है कि जैसे ही हजारों करोड़ रुपये का घोटाला उजागर हुआ कंपनी की फर्जी सावधि जमा रसीदों को नष्ट कर दिया गया।
देश के अब तक के सबसे बड़े निगमित घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि राजू ने कंपनी के अध्यक्ष के तौर पर अपने पर्सनल कंप्यूटर से विभिन्न बैंकों के एफडीआर तैयार किए।
सीबीआई ने बताया है कि घोटाला सामने आने पर इन फर्जी एफडीआर को षडयंत्र के तहत नष्ट कर दिया गया जो सबूत नष्ट करने के अंतर्गत आता है। यह जानते हुए कि कंपनी की वित्तीय सेहत खराब है यह कार्य किए गए।
जांच एजेंसी ने यह भी पाया कि फर्जी एफडीआर काफी बड़ी धनराशि के थे और इन पर दर्शाया ब्याज 375 करोड़ रुपये से अधिक था, जबकि वास्तविक ब्याज आय केवल 7.42 लाख रुपये थी।
