सरकारी और निजी रेलवे कंटेनर रैक ऑपरेटरों ने अक्टूबर में कंटेनर माल ढुलाई की मात्रा में 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। इनमें से कई ऑपरेटर लागत घटाने के लिए अपने रैक को बंद रखने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
एक साल पहले लगभग 15 निजी कंपनियों ने इस क्षेत्र में कदम रखा था। इससे सरकार के स्वामित्व वाले कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कनकोर) का इस क्षेत्र पर दबदबा कम हुआ है। लगभग 80 फीसदी बाजार भागीदारी रखने वाली कंटेनर रेल यातायात क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी कनकोर ने टीईयू की मात्रा में 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की है।
यह तेज गिरावट कंपनी द्वारा चलू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 3 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज किए जाने के बाद आई है। कनकोर के प्रबंध निदेशक राकेश मेहरोत्रा ने कहा, ‘वैश्विक आर्थिक मंदी हमारे विदेशी और घरेलू दोनों तरह की माल ढुलाई को प्रभावित कर रही है।’ निजी ऑपरेटरों ने मात्रा में 10-25 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की है।
उन्हें अगले तीन महीनों में इस गिरावट के 35-40 फीसदी पर पहुंच जाने की आशंका है। कंटेनर माल की मात्रा में तेज गिरावट की प्रमुख वजह वैश्विक ऋण संकट के अलावा भारत से अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख व्यापार भागीदारों के लिए निर्यात में कमी आना है।
अक्टूबर में भारत से किए जाने वाले वस्तुओ के निर्यात में 15 फीसदी की गिरावट आई। एक निजी कंटेनर रेक ऑपरेटर ने कहा, ‘अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और जापान से मिलने वाले ऑर्डरों में भी कमी आई है जिसकी वजह से हमें 6 नए रैक की खरीद को अगले तीन-चार महीनों के लिए टालना पड़ा है।’
घरेलू बाजार में 12 रैक चलाने वाली इनलॉजिस्टिक्स लिमिटेड के संकल्प शुक्ला कहते हैं, ‘मंदी ने उन ऑपरेटरों को अधिक प्रभावित किया है जिनकी विदेशी व्यापार में अच्छी-खासी मौजूदगी है।’ कुछ रैक ऑपरेटरों का कहना है कि वे लागत घटाने के लिए अपना कामकाज घटा सकते हैं।
मुख्य तौर पर दिल्ली, मुंबई और मुंदड़ा के बीच सेवा मुहैया कराने वाले एक निजी कंटेनर रैक ऑपरेटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कंटेनरों की मात्रा में इस तरह की गिरावट सामान्य नहीं है। यदि स्थिति और बद्तर होती है तो कुछ ऑपरेटरों को अपने रैक बंद रखने पड़ेंगे।’
नई दिल्ली और नवी मुंबई के जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच एक कंटेनर चलाने पर रोजाना 13 से 15 लाख रुपये का खर्च आता है। उन्होंने कहा, ‘यदि मात्रा में 10 फीसदी की गिरावट आती है तो संचालन खर्च 15-20 फीसदी पर जा सकता है।’