रिलायंस पावर ने रविवार को कहा कि वह अपनी मूल कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को तरजीही शेयर व वॉरंट जारी कर 1,325 करोड़ रुपये जुटाएगी। इसकी तब्दीली के बाद कंपनी में रिलायंस इन्फ्रा व अन्य प्रवर्तकों की संयुक्त हिस्सेदारी मौजूदा 9 फीसदी से बढ़कर करीब 38 फीसदी पर पहुंच जाएगी। रिलायंस पावर 59.5 करोड़ इक्विटी शेयर और 73 करोड़ तक वॉरंट जारी करेगी, जिसे समान संख्या में इक्विटी शेयरों में तब्दील किया जा सकेगा।
इसकी कीमत बीएसई पर शुक्रवार के बंद भाव 12.74 रुपये के मुकाबले 21.5 फीसदी छूट पर होगी। इसके साथ रिलायंस पावर का एकल कर्ज 1,325 करोड़ रुपये कम हो जाएगा और अन्य सहायकों में कर्ज में कटौती की योजना के साथ उसका एकीकृत कर्ज वित्त वर्ष 22 में और 3,200 करोड़ रुपये घट जाएगा। यह कर्ज-इकिक्वटी अनुपात को 1.80:1 पर ले जाएगा। कंपनी ने बोर्ड बैठक के बाद एक बयान में यह जानकारी दी। इक्विटी शेयर जारी होने के बाद रिलायंस पावर में रिलायंस इन्फ्रा व अन्य प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 25 फीसदी तक हो जाएगी और वॉरंट को शेयर मेंं बदलने के बाद यह 38 फीसदी तक पहुंच जाएगी। अभी प्रवर्तक के पास रिलायंस पावर की 9.06 फीसदी हिस्सेदारी है। यह जानकारी मार्च तिमाही के लिए एक्सचेंजों के पास भेजे गए आंकड़ों से मिली।
निदेशक मंडल ने विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) जारी करने और पात्र संस्थानों (क्यूआईपी) को प्रतिभूतियां जारी कर भी रकम जुटाने की मंजूरी दी। एफसीसीबी का आकार कंपनी के नेटवर्थ का 50 फीसदी तक है और क्यूआईपी का आकार नेटवर्थ का 25 फीसदी तक होगा।रिलायंस पावर कोयला, गैस व अक्षय ऊर्जा पर आधारित बिजली संयंत्रों का परिचालन करती है। 6 जून को रिलायंस इन्फ्रा के बोर्ड ने अपने प्रवर्तकों अनिल अंबानी परिवार व वर्डे इन्वेस्टमेंट से 550-56 करोड़ रुयये जुटाने की घोषणा की थी।
