रिलायंस पावर ने मध्य प्रदेश के सासन की 4,000 मेगावाट की ऊर्जा परियोजना के लिए वित्तीय जरूरतों को पूरा कर ही लिया।
इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फायनांस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) इस परियोजना के लिए रिलायंस पावर को 2,500 करोड़ रुपये उधार देने को तैयार हो गई है।
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की सासन पावर परियोजना के लिए अनुमानित लागत 15,000 करोड़ में 2,500 करोड़ रुपये कम पड़ रहे थे। कंपनी इस बाबत इसी हफ्ते घोषणा करने वाली है। आईआईएफसीएल जहां 400 करोड़ रुपये कर्ज देगी वहीं इसकी विदेशी सहयोगी आईआईएफसीएल पीएलसी 2,100 करोड़ रुपये का इंतजाम करेगी।
12 घरेलू बैंकों के समूह ने पहले ही 12,500 करोड़ रुपये कर्ज देने का वादा कंपनी से कर रखा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 3,500 करोड़ रुपये और पावर फायनांस कॉरपोरेशन 1,800 करोड़ रुपये कर्ज देगी। कर्ज देने वालों में रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन और हुडको भी शामिल है।
रिलायंस पावर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के काफी करीब है। आईआईएफसी पीएलसी देश के विदेशी मुद्रा भंडार को भारतीय परियोजनाओं के फंडिंग के लिए आकर्षित कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि ये मदद औजारों के खरीददारी के रूप में होगी।
बैंकिंग क्षेत्र के सूत्रों ने बताया कि कागजात तैयार करने का काम मंगलवार तक पूरा हो जाएगा और इसके बाद जल्दी ही औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। सासनदेश की सबसे बड़ी कोयला आधारित बिजली परियोजना बन जाएगी। यहां से पश्चिम और उत्तर भारत के 7 राज्यों में बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये है। इसकी फंडिंग 75:25 के डेब्ट इक्विटी अनुपात में की जाएगी। पहले कंपनी ने विदेश से पैसा जुटाने की कोशिश की थी। जब स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने ये कह दिया था कि अभी उसे प्रस्ताव के अध्ययन के लिए और वक्त चाहिए। इसके बाद कंपनी ने रुपये में कर्ज लेने के लिए भारत में संभावनाओं की तलाश शुरू की।
हालांकि, रुपये में लिया गया कर्ज भी तब ही कंपनी वापस कर पाएगी जब उसे किसी विदेशी बैंक से डॉलर में कर्ज मिलेगा। रिलायंस पावर ने परियोजना पर पहले ही काम शुरू कर दिया था। कंपनी की मंशा ये रही कि कर्ज में देरी से परियोजना पूरा होने में देरी न हो।
