वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) को पूंजीगत व्यय बढ़ाने का निर्देश दिया है मगर सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियां चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में 5.95 लाख करोड़ रुपये के अपने लक्षित सालाना पूंजीगत व्यय का 63.3 फीसदी ही खर्च कर पाई हैं। केंद्रीय मंत्रालयों एवं केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा कम पूंजीगत व्यय के कारण वित्त मंत्री के लिए मुश्किल आ सकती है क्योंकि वे अगले वित्त वर्ष के बजट में भी पूंजीगत आवंटन बढ़ाने की उम्मीद कर रही हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने दिसंबर तक 3.76 लाख करोड़ रुपये का ही पूंजीगत व्यय किया है।
पिछले महीने सीतारमण ने पत्र लिखकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वह हर हफ्ते बैठक कर अपने विभाग को दिसंबर 2021 के अंत तक कम से कम 75 फीसदी और 15 मार्च तक 100 फीसदी पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करने के लिए कहें। निजी निवेश की कमी के बीच सार्वजनिक व्यय के जरिये अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मकसद से सितंबर में वैष्णव को लिखे एक अन्य पत्र में सीतामरण ने कहा था, ‘आपका मंत्रालय नवंबर 2021 तक अपने सालाना बजट लक्ष्य का केवल 61 फीसदी पूंजीगत व्यय कर पाया है। बुनियादी ढांचे से जुड़े से सभी मंत्रालयों में पूंजीगत व्यय की रफ्तार धीमी है।’ निजी निवेश में सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, लेकिन ओमीक्रोन ने ग्राहक और निवेशक के मनोबल पर प्रतिकूल असर डाला है।
कोविड महामारी के बीच बजट पेश करने जा रहीं सीतारमण वित्त वर्ष 2023 के लिए मंत्रालयों द्वारा वित्त वर्ष 2022 से 26 फीसदी ज्यादा और कम से कम 6.5 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय पर जोर दे सकती हैं। लेकिन मंत्रालयों द्वारा कम खर्च (नवंबर तक सालाना लक्ष्य का केवल 49 फीसदी) के बावजूद वित्त वर्ष 2022 में आवंटन 26 फीसदी बढ़ाए जाने पर चिंता जताई जा रही है।
निवेश में सुधार लाने और सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार आगामी बजट में राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन पर जोर दे सकती है। गति शक्ति समिति राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के तहत बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को चिह्नित करने और उनकी प्रभावी व सुगम निगरानी की प्रक्रिया तय सकती है।
सीतारमण ने सबसे पहले जून 2021 में मंत्रालयों से कहा था कि वे वित्त वर्ष 2022 के अपने पूंजीगत व्यय में तेजी लाएं और व्यवहार्य परियोजनाओं में सार्वजनिक-निजी साझेदारी की संभावना तलाशें। वित्त मंत्री मानती हैं कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरुद्घार में ज्यादा पूंजीगत खर्च अहम भूमिका अदा कर सकता है।
पिछले साल अक्टूबर में सीतारमण ने आर्थिक मामलों के विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे नागर विमानन मंत्रालय के साथ काम करें और ज्यादा परियोजनाओं का आरंभ सुनिश्चित करें तथा अगले वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में और इजाफा किया जाए।
उन्होंने दूरसंचार विभाग को भी अपने सार्वजनिक उपक्रमों में पूंजीगत व्यय करने, परिसंपत्ति मुद्रीकरण में तेजी लाने और जल्द से जल्द संपत्तियों के मुद्रीकरण को अंतिम रूप देने के लिए विनिवेश विभाग के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा था। मई में समीक्षा बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को सुझाव दिया था कि विशिष्ट परियोजनाओं की प्रगति की तिमाही समीक्षा के बजाय मासिक समीक्षा की जाए ताकि वे समय पर पूरी हो सकें। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ चर्चा में वित्त मंत्री ने कहा था कि रिफाइनरियां प्रमुख बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियां हैं, इसलिए उनकी प्रगति बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास के लिए अहम हैं।
