देश की प्रमुख आईटी सेवा प्रदाता कंपनी विप्रो लिमिटेड का मुनाफा वित्त वर्ष 2008-09 की दूसरी तिमाही में भले ही 19 फीसदी बढ़ा हो।
लेकिन कंपनी अगली तिमाही में बेहतर प्रदर्शन के लिए खास योजनाएं बनाने पर जोर दे रही है। विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कहा कि कंपनी अपने कारोबार को लेकर खासी सजग है और तीसरी तिमाही में इसकी विकास दर महज 1 फीसदी रहने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि वैश्विक वित्तीय संकट की वजह से कंपनी के वैश्विक कारोबार पर असर पड़ने की आशंका है।
ऐसे में कंपनी के अगामी कारोबार के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी का कारोबारी ढांचा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर, 2008 को समाप्त दूसरी तिमाही में कंपनी का शुध्द मुनाफा 18.76 फीसदी बढ़कर 978.2 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी का शुध्द मुनाफा 823.7 करोड़ रुपये था। विप्रो लिमिटेड ने बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी कुल आय में 36 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 6,507 करोड़ रुपये हो गई। जबकि पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी की आय 4,750 करोड़ रुपये थी।
कंपनी ने बताया कि एकल आधार पर समीक्षाधीन तिमाही में उसका शुध्द मुनाफा बढ़कर 852.50 करोड़ रुपये हो गया, जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 760.30 करोड़ रुपये था। उधर, दूसरी तिमाही में एकल आधार पर विप्रो लिमिटेड की कुल आय भी बढ़कर 5,551.60 करोड़ रुपये हो गई, जो पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,245 करोड़ रुपये थी।
विप्रो के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी सुरेश सेनापति ने बताया कि दूसरी तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन ठीक रहा है।
विप्रो का 2008-09 की दूसरी तिमाही
मुनाफा – 978.2
आय – 6,507 करोड़ रुपये