कंपनियां

भारतीय उद्योग जगत पर महंगी उधारी से दबाव

कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्डों के बीच अंतर बढ़ने से कंपनियों की उधारी लागत बढ़ सकती है

Published by
अंजलि कुमारी   
Last Updated- September 19, 2023 | 11:32 PM IST

भारतीय कंपनियों को इस त्योहारी सीजन में अपनी उधारी लागत बढ़ने की चिंता सता रही है, क्योंकि कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्डों के बीच अंतर बढ़ने लगा है। कंपनियों के लिए कर्ज कर्ज लेना महंगा हुआ है, क्योंकि सितंबर में अब तक 3-साल और 10-साल की अव​धि के लिए एएए-रेटिंग के कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्डों के बीच प्रतिफल अंतर 2 आधार अंक और 4 आधार अंक तक बढ़ा है। वहीं 5 वर्ष के लिए यह अंतर अपरिवर्तित बना हुआ है।

तुलनात्मक तौर पर, अगस्त में, एएए-रेटिंग के कॉरपोरेट और सरकारी बॉन्डों के बीच प्रतिफल अंतर सख्त तरलता की चिंताओं के बीच घट गया था। वहीं एएए रेटिंग के 5 वर्षीय कॉरपोरेट बॉन्डों और 5 वर्षीय सरकारी बॉन्डों के बीच प्रतिफल अंतर 7 आधार अंक तक घटा था, जबकि 3-साल और 10-साल के बॉन्डों के लिए इसमें 2 आधार अंक और 5 आधार अंक तक की कमी आई थी।

कॉरपोरेट बॉन्ड अक्सर सरकारी प्रतिभूतियों की तुलना में ऊंची कीमत में सक्षम होते हैं। इस ऊंची कीमत को ‘स्प्रेड’ यानी प्रतिफल अंतर के तौर पर देखा जाता है और इससे कॉरपोरेट बॉन्डों तथा समान परिपक्वता वाली सरकारी प्रतिभूतियों के बीच प्रतिफल में असमानता का पता चलता है। यह अंतर कॉरपोरेट बॉन्डों से जुड़े बढ़े हुए डिफॉल्ट जो​खिम की भरपाई के तौर पर काम करता है।

बॉन्ड बाजार विश्लेषक एवं रॉकफोर्ट फिनकैप के संस्थापक वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘सख्त तरलता की वजह से अंतर बढ़ सकता है। इसके अलावा, शापूरजी पलोंजी सौदे के बाद, ऊंचे प्रतिफल को बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि वह बॉन्ड 16 प्रतिशत पर बाजार में कारोबार कर रहा है। ऋण वृद्धि हो रही है और बैंकों के अलावा, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी वि​भिन्न स्रोतों के जरिये बाजार में अवसर तलाशने के प्रयास कर रही हैं।’

उन्होंने कहा कि प्रतिफल अंतर में तेजी आपूर्ति-मांग के कारक पर भी निर्भर होगी। जुलाई में, शापूरजी पलोंजी ग्रुप ने बीबीबी-बॉन्ड जारी कर 18.75 प्रतिशत की दर पर निवेशकों से 14,300 करोड़ रुपये जुटाए थे।

15 सितंबर से कर निकासी होने के अलावा त्योहार सीजन के दौरान ऋण मांग बढ़ने की वजह से भी प्रतिफल के बीच अंतर बढ़ने का अनुमान है। एनबीएफसी अपनी ऋण वितरण जरूरतें पूरी करने के लिए कोष जुटाने के प्रयास में बॉन्ड बाजार पर ध्यान दे रही हैं।

बंधन म्युचुअल फंड द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘एएए और क्रेडिट क्षेत्र, दोनों में कॉरपोरेट बॉन्ड नियंत्रित अंतर पर लगातार कारोबार कर रहे हैं। व्यस्त सीजन और दूसरी छमाही में कम शुद्ध सरकारी उधारी के परिवेश के साथ इन अंतर को ऊपर की ओर दबाव का सामना करना पड़ सकता है।’

मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार, केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बॉन्ड बिक्री के जरिये 15.43 लाख करोड़ रुपये की कुल उधारी का लक्ष्य रखा है, जिसमें से करीब 42 प्रतिशत रा​शि अक्टूबर-मार्च की अव​धि के दौरान उधार लेने की योजना है। बैंकिंग व्यवस्था में अतिरिक्त तरलता सोमवार को घटकर 41,706 करोड़ रुपये रह गई, जो रविवार को 86,093 करोड़ रुपये थी।

First Published : September 19, 2023 | 10:28 PM IST