अब धराशायी हो चुकी हाउसिंग फाइनैंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) की परिसंपत्तियों के संबंध में बोली की लड़ाई ने आज एक दिलचस्प मोड ले लिया। पीरामल समूह द्वारा कंपनी की रिटेल बुक के लिए आज अपने प्रस्ताव में संशोधन करने की वजह से ऐसा हुआ है। पिछले सप्ताह दूसरे दौर के दौरान डीएचएफएल की सभी परिसंपत्तियों के लिए अपने प्रस्ताव को संशोधित करके 31,000 करोड़ रुपये करने वाली ओकट्री कैपिटल ने आज अपने प्रस्ताव में कोई फेरबदल नहीं किया।
इसके साथ ही अदाणी समूह एचएफएल की परिसंपत्तियों के लिए 31,250 करोड़ रुपये की बोली के साथ अब तक सबसे अधिक बोली लगाने वाला बोलीदाता बना हुआ है। पीरामल ने केवल रिटेल बुक के लिए ही बोली लगाई है। खबर लिखे जाने तक पीरामल द्वारा आज दी गई संशोधित बोली का खुलासा नहीं किया गया था। पिछले सप्ताह इसने 25,000 करोड़ रुपये की पेशकश की थी, लेकिन धन का एक बड़ा हिस्सा विलंबित भुगतान में दिया जाना था। इस पेशकश के प्रति ऋणादाताओं ने उत्साह नहीं दिखाया था।
ऋणदाताओं को अब इन सभी प्रस्तावों पर फैसला करना होगा और उस प्रस्ताव को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे ऋणदाताओं को सबसे अधिक अग्रिम धन मिलेगा। ऋणदाताओं का कहना है कि इस सप्ताह की शुरुआत में कोई फैसला होने की उम्मीद है।
बैंकिंग क्षेत्र के एक सूत्र ने कहा कि पीरामल समूह अदाणी समूह द्वारा संशोधित और अधिक ऊंची बोली पर आपत्ति नहीं जता सकता है, क्योंकि बोली के नियम बहुत स्पष्ट हैं कि कोई भी बोलीदाता प्रतिस्पर्धी बोलीदाता के प्रस्तावों पर आपत्ति नहीं करेगा। इस घटनाक्रम के करीबी सूत्र ने कहा कि सब स्पष्ट था। पीरामल की आपत्तियों से इस प्रक्रिया में केवल देरी ही होगी। वह भी ऐसे समय में कि जब ऋणदाता कोई त्वरित समाधान चाहते हैं क्योंकि अगले महीने तक डीएचएफएल को दीवालिया अदालत में भेजे जाने को एक वर्ष हो जाएगा।
ओकट्री, पीरामल और अदाणी के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पिछले शुक्रवार को पीरामल समूह ने अदाणी के संशोधित प्रस्ताव के संबंध में आपत्ति जताते हुए डीएचएफएल की सीओसी (लेनदारों की समिति) को एक पत्र भेजा था। इस संशोधित प्रस्ताव में अंतिम समय में डीएचएफएल की संपूर्ण संपत्ति के लिए बोली लगाई गई थी। अदाणी ने पहले केवल होलसेल बुक के लिए ही बोली लगाई थी, जबकि पिरामल, जिसके पास पहले से ही दबावग्रस्त कॉरपोरेट बुक है, ने स्थिर नकदी प्रवाह प्राप्त करने के लिए डीएचएफएल की रिटेल बुक के लिए ही बोली लगाई थी।
